रायपुर, 15 अगस्त 2020, 12.00 hrs : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस की 73वीं वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों को दी अनेक सौगात के साथ की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं । उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी संकटकाल में संकटमोचक बना अर्थव्यवस्था का छत्तीसगढ़ी माॅडल ।
आज रायपुर पुलिस ग्राउंड में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव की गाईडलाईन का पालन करते हुए स्वतंत्रता दिवस का संक्षिप्त और गरिमामय समारोह आयोजित किया गया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद सबसे बड़े वैश्विक संकट में संविधान से मिली शक्ति ने दिखाया रास्ता । उन्होंने बताया कि राम वन गमन पथ के विकास में होगी जनता की सहभागिता ।
साथ ही, डाॅ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना और ’पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू करने की घोषणा भी की ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि घर पहुंच नागरिक सेवाओं के लिए शुरू होगी ’मुख्यमंत्री मितान योजना’ ।
विद्युत के पारेषण-वितरण तंत्र की मजबूती के लिए ‘‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना” होगी प्रारंभ ।
इसके अलावा ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ में समुदाय की सहभागिता से ‘पढ़ई तुंहर पारा’ योजना होगी शुरू ब्ल्यू टूथ आधारित व्यवस्था ‘बूल्टू के बोल’ का होगा उपयोग ।
वार्ड कार्यालयों के बाद अब घर पहुंच सेवाओं के लिए नगरीय क्षेत्रों में शुरू होगी मुख्यमंत्री मितान योजना ।
‘महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, 4 नए उद्यानिकी काॅलेज तथा एक खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण काॅलेज भी खोले जाएंगे ।
दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को बढ़ावा देने 3 विशिष्ट पाॅलीटेक्निक काॅलेज भी खुलेंगे
*राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण के पावन कार्य में प्रदेश की जनता की सहभागिता के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का होगा गठन ।
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय खोला जाएगा ।
*प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों तथा पदोन्नति के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य होगी ।
*किसानों, आदिवासियों और वनवासियों की जेब में डाले 70 हजार करोड़ रूपए ।
*पांच वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुना करने का लक्ष्य*
*राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त 20 अगस्त को*
*वनाधिकार पट्टों से शुरू हुआ वनवासियों के स्वावलंबन का नया दौर*
*सबकी भागीदारी से पूरा होगा नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना*
*मानवता सेवा की गांधीवादी सोच से कोरोना संकटकाल में अर्थव्यवस्था को बचाने में मिली सफलता ।