रायपुर, 26 जुलाई 2020, 11.05 hrs : छ. ग. के एक अधिकारी का पूरा परिवार और घरेलू कार्य करने वाले 35 सिपाही निकले पोसिटिव । रिपोर्ट आने के बाद भी ना तो ये लोग खुद क्वारेंटीन हुए न ही संपर्क में आये लोगों को क्वारेंटीन किया ।
इस अधिकारी के घर मे 13 सिपाही (2मेल नर्स) घर के और बड़े बुजुर्गों की देखभाल करते हैं । इन सबकी रिपोर्ट भी पोसिटिव आई है और इनके साथ लगभग 22 और लोग संपर्क में रहे, जो इन लोगों के बीच कार्य करते रहे हैं ।
इनका 12 जुलाई को टेस्ट हुआ और 15 जुलाई के रिजल्ट में ये पोसिटिव मिले । इन 35 लोगों को भी आइसोलेट नहीं किया गया । ना ही ये अधिकारी आइसोलेट हुए । हद तो तब हुई जब पोसिटिव सिपाही काम पर नहीं आये तो इन्हें “कारण बताओ नोटिस” थमा दिया गया । गरीब छोटे सिपाही बड़ी मुश्किल में हैं । यदि इन्हें कुछ हुआ तो इनके इलाज का खर्चा कौन उठाएगा ?
इस बीच, ये अधिकारी PHQ भी जाते रहे । चिंतनीय है कि इनके संपर्क में PHQ के कितने लोग आए होंगे ? सवाल यह उठता है कि इन्होंने सावधानी क्यों नहीं बरती ? फील्ड में रहने वाले अधिकारी और सिपाही की तो मजबूरी है पर ये महोदय जब कोरोना पोसिटिव पाये गए हैं तो आफिस क्यों गए । आइसोलेशन में रहते हुए, इन्हें अपने साथ साथ सबके स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए था, नियमों का पालन करना चाहिए था ।
अब तो CM, DG, ADG सब को कोरोना वायरस की जाँच कराना बहुत ज़रूरी हो गया है, क्योंकि ये लोग दिन भर लोगों से मिलते रहते हैं और कितनी भी सावधानी बरतें संक्रमण तो फैलता ही है । साथ ही पूरे पुलिस मुख्यालय को भी कुछ दिनों के लिये सील करना ज़रूरी है ।