रायपुर, 23 मई 2020, 10.05 hrs : छत्तीसगढ़ में मई के आखरी सप्ताह में भीषण गर्मी का प्रकोप रहता है । हर साल 25 मई के आसपास जो गर्मी पड़ती है उसे यहां नौतपा कहते हैं जो पूरे नौ दिन अपना प्रकोप दिखाती है । इस बार भी, 25 मई अर्थात परसों सोमवार को नौतपा शुरू हो जाएगा ।
किंतु जानकर बताते हैं कि इस साल नौतपा 9 दिनों का ना हो कर 7 दिन ही रहेगा । यानी 25 मई से लगातार 7 दिनों तक तेज धूप और प्रचंड गर्मी पडऩे के आसार है ।
वैसे मौसम विभाग नौतपा को नहीं मानता, लेकिन मई के अंतिम सप्ताह में तापमान में वृद्धि की संभावना से वह भी इनकार नहीं करता । यह भी होता है कि अक्सर नौतपा में, एक दो दिन, बारिश होती ही है ।
ज्योतिषि शास्त्र के अनुसार, सूर्य ताप और तेज का प्रतीक है । जब सूर्य चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है जिसके कारण चंद्र के शीतल प्रभाव क्षीण हो जाते हैं । इसका प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है । यानी की पृथ्वी पर शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती । इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है ।
गर्मी में जितनी तेज़ तपन होगी, उतनी अच्छी होगी बारिश : पंडित बताते हैं कि नौतपा में सूरज का खूब तपना ही शुभ माना जाता है । इस बार 25 मई सोमवार को सूर्य चंद्र के रोहिणी नक्षत्र में सुबह 7 बजकर 9 मिनट पर प्रवेश करेगा । तब से लेकर 2 जून तक 9 दिनों में रोजाना अलग-अलग नक्षत्र आएंगे और इस दौरान हर नक्षत्र में सूर्य तपेगा ।
इन नक्षत्रों में जिसमें आद्रा, पुर्नवसु, पुष्य, अखिलेशा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा नक्षत्र शामिल है । यदि इन नौ नक्षत्र में सूरज खूब तपा तो आने वाले मानसून में इन सभी नक्षत्रों में अच्छी बारिश होगी । नौतपा के दौरान शुक्र इस बार वक्री है । जिससे सूर्य तो खूब तपेगा पर मानसून भी अच्छा होगा ।
नौतपा को मौसम विज्ञान नहीं मानता : मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा का मानना है कि मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य धरती के नजदीक होता है और उसकी किरणें सीधे 90 डिग्री के अंश में धरती पर पहुंचती है। सूर्य 21 जून के करीब अक्षांश रेखा में जब 23 डिग्री कोण तक पहुंचेगा तब धूप की चुभन कम होगी ।
सूर्य की किरणें आती हैं सीधे पृथ्वी में : मौसम विज्ञान के अनुसार इस नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती हैं । इस कारण तापमान बढ़ जाता है और अधिक गर्मी पड़ती है । इसके कारण मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का सिस्टम बनता है जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है । इस कारण हवाओं का रूख अच्छी बारिश के संकेत देता है ।