रायपुर, 04 मई 2020, 11.20 hrs : शराब बिक्री शुरू होने पर बहुत से लोग इसके विरोध में तो हैं किंतु कोरोना वायरस के इस दौर शराब बंद करने की तार्किक वजह नहीं दे रहा है और सब इसे सरकार के आर्थिक लाभ की चर्चा ही प्रमुखता से कर रहे हैं । कोरोना से हुई शराबबंदी को रायपुर के विचारक सजू वी. थॉमस समझते हुए शराब बिक्री का लोगों पर हो रहे दुष्परिणाम पर अपने विचार साझा कर रहे हैं :
“रायपुर के नागरिक सावधान हो जाएं । दुर्ग और कवर्धा में कल कई कोरोना संक्रमित मिले और अब राजधानी रायपुर के आमानाका में एक कोरोना पॉजिटिव मिला है । (सिर्फ रायपुर ही नहीं पूरे देश की जनता को सावधान हो जाना चाहिए)
शराब के चक्कर से बचने लोगों को आह्वान करें ।
मई महीने में सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है, क्योंकि अन्य राज्य से भी लोग अपने अपने राज्य में जा रहे हैं ।
पूरे देश मे शराब का व्यापार खोलने की केंद्र सरकार द्वारा अनुमति देने पर पुनर्विचार करना चाहिये ।
आज शराब के ठेके खुलने के पश्चात जो भी वीडियो और फ़ोटो आ रहे हैं वो भयावह हैं, और इन वीडियो और फ़ोटो से यह साफ दिख रहा है कि वहां गरीबों की भीड़ ज्यादा लग रही है । जबकि उन गरीबों के पास होम आइसोलेशन तक की व्यवस्था भी नहीं और घनी बस्तियों में रहते हैं । यह भी देखने मिल रहा कि social distancing की धज्जियां उड़ रही है ।
केंद्र सरकार को जनहित में शराब, पान ठेला आदि खोलने की अनुमति वापस लेना चाहिए क्योंकि यह भी एक सच्चाई की कोरोना संक्रमित राज्यों से लोगों को अपने गृह राज्य जाने का छूट भी दी जा रही है । शराब के ठेके में हो सकता है कि अन्य राज्य से आये हुये ये बाहरी लोग भी, धक्का मुक्की कर शराब लेंगे ।
शराब बिक्री चालू होने से परिवारों में आर्थिक तंगी भी बढ़ेगी, क्योंकि लोगों के पास रोजगार नहीं । हो सकता है इससे पारिवारिक कलह भी बढ़ेगा ।
केंद्र सरकार को ऐसी छूट तत्काल वापस लेना चाहिए और सभी राज्यों से तत्काल ठेके बंद करने निर्देश जारी करना चाहिए ।”
निष्कर्ष :-
“जान है तो जहान है”
अब लोगों को खुद ये समझना चाहिए कि शराब से उन्हें कितना फायदा या नुकसान हो सकता है ।