नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2020, 20.40 hrs : केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness allowance) की तीन अतिरिक्त किश्तों पर रोक लगाने का फ़ैसला किया गया है । इसमें इस साल 1 जनवरी से लागू की गई 4 फ़ीसदी की महंगाई दर भी शामिल है । कैबिनेट की मुहर के बाद इसका ऐलान पिछले महीने की 13 तारीख़ को किया गया था ।
हालांकि सरकार ने ये साफ़ किया है कर्मचारियों को वर्तमान दर के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलता रहेगा । महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 17 फ़ीसदी है ।
सरकार ने जो फैसला लिया है उसके तहत 1 जनवरी 2020, उसके बाद 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से बढ़ने वाले महंगाई भत्ते (DA) पर रोक लगा दी गई है । इसके साथ ही सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि आगे चलकर ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एरियर के तौर पर भी नहीं मिलेगा ।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस साल 1 जनवरी, 1 जुलाई और अगले साल 1 जनवरी से मिलने वाले महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्तें कर्मचारियों को नहीं दी जाएगी । दरअसल सरकार साल में दो बार महंगाई दर की समीक्षा कर उसमें बढ़ोत्तरी करती है । इसमें बढ़ी हुई दर के साथ पहली किश्त 1 जनवरी से तो दूसरी 1 जुलाई से लागू होती है । सरकार के आदेश का मतलब ये हुआ कि अब कर्मचारियों के महंगाई दर की अगली समीक्षा अगले साल 1 जुलाई के बाद ही की जाएगी और कर्मचारियों और पेंशनभोगियों वर्तमान दर 17% के हिसाब से ही महंगाई भत्ता मिलता रहेगा ।
आदेश में ये भी साफ़ किया गया है कि अगले साल 1 जुलाई के बाद भी कर्मचारियों को उन दिनों का बकाया नहीं दिया जाएगा जितने दिनों तक महंगाई भत्ता बढ़ाया नहीं जाएगा । हालांकि कर्मचारियों को सरकार ने आश्वासन ज़रूर दिया है कि अगले साल 1 जुलाई के बाद समीक्षा किए जाने के दौरान इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि इस अवधि में नहीं बढ़ाई गई दर को भी शामिल किया जाए ।