नई दिल्ली, 25 मार्च 2020, 11.60 hrs : देश के सबसे बड़े, तिहाड़ जेल सहित दिल्ली की जेलों से लगभग 3000 कैदी रिहा करने का सरकार और प्रशासन का फैसला कोरोना वायरस के चलते लिया जा रहा है । किन कैदियों को छोड़ा जाएगा, इस सवाल का जबाब तलाशने के लिए फिलहाल दिल्ली जेल महानिदेशालय में महत्वपूर्ण बैठक चल रही है ।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जेलों सहित देश की अन्य तमाम जेलों में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिये कैदियों को छोड़कर वहां भीड़ कम किए जाने पर कई दिन से माथापच्ची चल रही थी । यह काम लटका था सिर्फ इस इंतजार में कि देश के सर्वोच्च न्यायालय से कोई दिशानिर्देश मिल जाए, और उसी हिसाब से आगे कोई कदम उठाया जाए ।
पिछले सोमवार को दिल्ली की जेलों से करीब तीन हजार कैदियों को कुछ समय के लिए रिहा किए जाने की पुष्टि दिल्ली जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने आईएएनएस से की । गोयल ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक ही यह कदम उठाया जा रहा है । उम्मीद है कि, हम दिल्ली की तीनों जेलो में बंद (तिहाड़, रोहिणी और मंडोली) करीब 17,500 कैदियों में से तीन हजार कैदियों को रिहा कर दें ।
गोयल ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए हम लोग बहुत तेजी से काम कर रहे हैं और कोशिश है कि जल्द से जल्द यह कदम उठा लिया जाए । फिर भी तीन-चार दिन तो इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को रिहा करने में लग ही सकते हैं ।
योजना के मुताबिक, तीनों जेलों में बंद कैदियों में से 15 विचाराधीन और इतने ही सजायाफ्ता मुजरिमों को रिहा किया जा सके । इससे फिलहाल तो काफी राहत मिल जाएगी । इन तीन हजार कैदियों की रिहाई के बाद जेलों में जगह और भीड़ की स्थिति क्या बनती है सब कुछ इसी पर निर्भर होगा । अभी हमने सजायाफ्ता और विचाराधीन की श्रेणी में 3,000 कैदियों की रिहाई की ही सोची है । आगे अगर फिर कोई और जरूरत महसूस हुई तो उस पर विचार किया जाएगा ।
उल्लेखनीय है कि कोरोना फैलने के दौरान तिहाड़ में करीब 18 संदिग्ध पाए गए थे । इनमें पांच दूसरे देशों के भी आठ विचाराधीन कैदी संदिग्ध मिले थे । इन सभी को तिहाड़ जेल में ही अलग बनाए गए आइसोलेशन रूम (बैरक) में रखा गया था । एक कैदी जो 18 मार्च को ही गिरफ्तार होकर जेल पहुंचा था, उसे तो तत्काल कोरोना की आशंका के चलते दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा । हालांकि उसमें कोरोना का कोई लक्ष्ण नहीं पाया गया । तिहाड़ जेल मुख्यालय के एक सूत्र ने सोमवार को कहा, जिन विदेशी कैदियों को कुछ दिन पहले तक आइसोलेशन वार्ड में रखा गया, उनमें से 12 तो सिर्फ अफगानिस्तान के ही थे । हालांकि अब इनकी संख्या घटकर तीन रह गई है ।
जेल से हासिल आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त पांच अन्य देशों के आठ कैदी अभी भी आइसोलेशन वार्ड में हैं । इनमें केंद्रीय कारागार संख्या-7 (तिहाड़) जेल में कुल चार विदेशी कैदी आइसोलेशन वार्ड में हैं । इन चार में से एक कैदी किर्गिस्तान और तीन कैदी अफगानिस्तान के हैं । जबकि सेंट्रल जेल नंबर 8-9 के आइसोलेशन वार्ड में रखे गए कुल तीन कैदियों में से दो जॉर्डन के और एक सऊदी अरब का है । इसी तरह केंद्रीय कारागार संख्या-10 (रोहिणी जेल) में एक ब्राजीली मूल के कैदी को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है ।