रायपुर, 23 जनवरी 2020, 23.15 hours : प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर हुए स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि किस तरह राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कुछ अधिकारियों ने फर्ज़ी ब्लैक आउट अर्थात पावर कट की साजिश रची । स्टिंग ऑपरेशन करने वाला व्यक्ति जेनेरेटर सप्लायर बन कर एक बिजली अधिकारी के पास पहुंचा था कि वे अपने क्षेत्र में पावर कट करें जिससे उनके जेनेरेटर की बिक्री बढ़े ।
स्टिंग ऑपेरशन में एक व्यक्ति जेनरेटर सप्लायर बन कर अधिकारी से बात की, जिसे गुप्त कैमरे में रिकॉर्ड भी किया गया । सारी बातें खुलकर सामने आ चुकि है । CSPDCL चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला ने मामले का संज्ञान लेते हुए 5 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है । उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रहती है कि पूरे प्रदेश में कहीं भी पॉवर कट ना हो । हमारी नज़रे, झसन भी पावर कट हो उस पर लगी रहती है । शुक्ला जी ने कहा कि अब तक जाँच में जो बातें निकल कर सामने आई है उसमें 5 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है । आगे भी कार्यवाही चलती रहेगी ।
पावर कट के मामले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गम्भीरता से लेते हुए कि शिकायतों पर कार्यवाही हो रही है । कुछ लोग जानबूझकर कर सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं, ऐसे लोगों पर पहले भी कार्यवाही हुई ही ।
इस मामले में बालोद के जेई सुनील ठाकुर ने कहा कि उनका निलंबन क्यो हुआ उन्हें नहीं पता । उन्हें अभी तक आरोप पत्र अभी तक नहीं मिला है । बता दें कि सुनील ठाकुर वही अधिकारी है जिसे डेढ़ लाख नगद लेते हुए वीडियो में साफ़ दिखाया गया है ।
उधर, बीजेपी ने इस मामले में जमकर बयानबाज़ी शुरू कर दिया है ।