छत्तीसगढ़ का “छेरछेरा” पर्व । भाजपा सत्ता में थी तब “चाय पर चर्चा” अब नया शगुफ़ा “भात पर चर्चा” । मुख्यमंत्री बघेल ने मठ के महंत से दान ले कर किया “छेरछेरा” का आगाज़

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुबह, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार “छेरछेरा” में प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहर, दूधाधारी मठ के महंत श्री रामसुंदर दास से “दान” में “धान” और चावल ग्रहण किया । इस दान से, प्रदेश में कुपोषण को दूर करने का एक प्रयास, “एक कदम कुपोषण की ओर” अभियान के रूप में मनाया जा रहा है ।

 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में किसानों की नई फसल को प्रदेश तक पहुंचने का ये आयोजन “छेरछेरा” के बड़े रूप में मनाया जाता है । प्रदेश के इस पारम्परिक त्यौहार में “दान” लेनें के लिये, प्रदेश के मुखिया से लेकर छोटे-बड़े सभी जुड़ते हैं । इस परम्परा में पहले दान लिया जाता है फिर दान दिया भी जाता है । छेरछेरा के अवसर पर प्रदेश भर में बच्चे छंद और गीत गाते हुए दान माँगते हैं ।

 

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दूधाधारी मंदिर में तुलादान किया । उनके वज़न के अनुसार दान में मिले धान को सब को दिया जाएगा ।

दूसरी ओर, अपने शासनकाल में किसानों को भूल चुकी थी । किंतु आज सत्ता से दूर होने के बाद उन्हें किसान याद आये । भाजपा का किसानों के प्रति अचानक मोह जागा है ।

आज छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े त्योहार “छेरछेरा” में भाजपा द्वारा किसानों को लुभाने के लिए पार्टी के नेता और सदस्य प्रदेश के 20 हज़ार गाँव मे जा कर किसानों और ग्रामीणों से “दान” मांगेंगे । “छेरछेरा” त्यौहार में ये परम्परा रही है कि राजा से लेकर आम जन तक इस दिन “दान” के रूप में “चावल” लेते हैं और प्रदेश की खुशहाली के प्रार्थना करते हैं ।

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