ये तस्वीर साधारण नही हैं, ये तस्वीर खिंचाई भी नही गईं हैं । ये तस्वीर हमने ली हैं । उदेश्य यह की कुछ सोचने को मजबूर कर देती हैं यह तस्वीर ।
दरअसल फ़ोटो आलम ने खींची है । और यह तस्वीर हैं काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और दंतेवाड़ा कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा की । दिन ढल चुका हैं रात्रि भोजन का वक़्त हैं । जहां एक ओर आराम से, लाल कारपेट, शाही डाईनिंग टेबल एक सेकंड में सहज उपलब्ध हो सकती थी, वहाँ से ऐसी तस्वीर का आना कुछ सोचने को जरूर मजबूर ज़रुर कर देता हैं ।
सादगी और सादा भोजन को दिखाती यह तस्वीर जाहिर करती हैं एक आम इंसान की । कैसे जिया जाता है, कैसे दिन भर की थकान को असाधारण तरीके से मिटाया जाता हैं । देवती कर्मा की ये सादगी बयान करती हैं की पूरे, ऊपरी सतह तक़ रहने के बावजूद, किस तरह बस्तर की धरती से प्रेम हैं । इस धरती से शांती हैं, ममत्व हैं, अपनापन हैं ।
केवल बड़ा नेता होना बड़ी बात नही होती, सोच बड़ी होती हैं जिसे, युगों योगों तक़ लोग याद करते हैं । पूजा करते हैं । यह तस्वीर उन बस्तातरियों की याया-रीरी-तर-तर को उस खौफ से आजाद करती हैं जहां दो पल सुकून से जीना भी बड़ी बात नही, ऐसा लोग कहते हैं ।
आज आप सोचने के लिये जरूर मजबूर होंगे ।