सुरक्षा की मांग लेकर डॉक्टर राजभवन पहुंचे
रायपुर । आये दिन हो रहे हमलों ने डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना बड़ रही है । निजी या सरकारी अस्पतालों में मरीज़ की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद मरीज के रिश्तेदारों या परिचितों द्वारा तोड़फोड़ या मारपीट से डॉक्टरों में भारी आक्रोश है ।
अभी एक-दो दिन पहले, समता कॉलोनी स्थित गोयल नर्सिंग होम में एक महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में भारी तोड़फोड़ कर अस्पताल के स्टाफ़ एवं डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी दी थी ।
तोडफ़ोड़ की इस घटना के बाद शहर के निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने, घटना के विरोध में, शनिवार को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से मुलाकात की और उन्हें 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा । चिकित्सकों ने अस्पताल की सुरक्षा की भी मांग की है ।
दूसरी तरफ आईएमए की रायपुर ईकाई ने आज जरूरी बैठक बुलाई, जिसमें निजी अस्पताल के मालिक और डॉक्टर शामिल हुए । उस बैठक में आईएमए ने अस्पताल प्रबंधन का बचाव करते हुए फैसला लिया कि युवती की मौत के बाद, हंगामे और तोडफ़ोड़ करने वाली मृतिका के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई हो ।
अपनी इसी मांग को लेकर तथा अस्पताल में हुई तोडफ़ोड़ के विरोध में आईएमए ने सभी निजी अस्पतालों में मरीजों का उपचार न करने का निर्णय लिया है ।