छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार आज 01 दिसम्बर से जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होगी । जशपुर जिले में धान खरीदी के लिए 17 समितियों के अधीन कुल 25 केन्द्र बनाए गए है । धान उपार्जन केन्द्रों में खरीदी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है । सभी केन्द्रों को पर्याप्त मात्रा में बारदानें उपलब्ध कराए जा चुके है । धान खरीदी के लिए सॉफ्टवेयर के नए वर्जन का ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है ।
जशपुर कलेक्टर क्षीरसागर ने बताया कि जिले में वास्तविक किसानों के धान ही खरीदा जाएगा। इसको लेकर निगारानी के पुख्ता प्रबंध किए गए है । सभी धान उपार्जन केन्द्रों पर धान की खरीदी पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए है । धान खरीदी के लिए किसानों को टोकन जारी करना भी शुरू कर दिया गया है । टोकन दिनांक के दिन ही किसान समिति में अपना धान लेकर आएंगे । इस व्यवस्था पर कड़ाई से निगरानी रखने के निर्देश भी समिति प्रबंधकों एवं नोडल अधिकारियों को दिए गए हैं । टोकन दिनांक के इतर दिनांक यदि किसी का धान उपार्जन केन्द्र में पड़ा पाया गया तो इसके लिए समिति प्रबंधक, उपार्जन केन्द्र के प्रभारी को सीधे दोषी मानकर कार्रवाई की जाएगी । किसान का जिस दिन का टोकन कटा है, उसे उसी दिन केन्द्र में धान लेकर आना होगा ।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में 18,406 किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है। जिसमें 3928 नए किसान शामिल है। धान खरीदते समय अच्छे गुणवत्ता का धान ही एफएक्यू का ध्यान रखा जाना है । सभी उपार्जन केन्द्र प्रभारियों को यह निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्थिति में मिलावटी, पुराना, अधपका एवं खराब धान की खरीदी नहीं करनी है । उपार्जन केन्द्र के परिसर में वास्तविक किसान को छोड़कर कोई भी कोचिया, बिचौलिया का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित होगा । प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 15 क्विंटल धान खरीदा जाएगा । पुराना धान का मामला पकड़ में आने पर धान और वाहन को सीधे जब्त किया जाएगा । किसी अन्य के धान को यदि किसान अपना बताकर बेचने का प्रयास करेगा तो ऐसे मामलें में सीधे एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी ।
कलेक्टर ने बताया कि जिले के सभी उपार्जन केन्द्रों को धान खरीदी के लिए लगभग 8 लाख बारदाने अग्रिम में प्रदाय किए गए हैं, जिसमें 4 लाख नए एवं 4 लाख पुराने बारदाने शामिल है । बारदानें का उपयोग उपार्जन केन्द्र परिसर में ही होगा । किसी भी स्थिति में बारदाना समिति एवं उपार्जन केन्द्र के बाहर ले जाने की अनुमति नही होगी । उन्होंने बताया कि धान खरीदी सीजन में एक किसान को अधिकतम 5 बार धान बेचने के लिए टोकन जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि धान खरीदी के दौरान उपार्जन केन्द्रों की नियमित रूप से जांच पड़ताल के दौरान समितियों के ऑनलाईन पंजी और मेनूअल पंजी का मिलान करने के साथ ही भौतिक रूप से भी उसके सत्यापन भी किया जाएगा ।