हैदराबाद : देश मे महिलाओं की आबरू पर फ़िर हुआ हमला । लड़कियों और औरतों के लिए खतरनाक हो चुका है देश । एक और महिला बनी हवस का शिकार ।
महिलाएं का जीवन अब नरक बनता जा रहा है । रोजाना रेप की इतनी घटनाओं से लगने लगा है कि जैसे इंसान के वेश में राक्षस महिलाओं की ताक में घूम रहे हैं । दरिंदे 6 साल की बच्ची से लेकर 70 साल की बुजुर्ग महिला तक को अपना शिकार बना रहे हैं । महिलाओं की सुरक्षा में पुलिस प्रशासन पूरी तरह असफल है या यों कहें कि पुलिस को महिलाओं की सुरक्षा की परवाह ही नहीं है ।
अभी ताज़ा मामला हैदराबाद का है जिससे पूर देश हिल गया है । एक 26 वर्षीय वेटनरी डॉक्टर प्रियंका रेड्डी की, दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई जो शादनगर में रहती थी और यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर शम्शाबाद के एक वेटनरी हॉस्पिटल में काम करती थी । रोज़ाना वह, हैदराबाद-बेंगलुरु नेशनल हाईवे स्थित तोंडुपल्ली टोल प्लाजा पर अपना टू-व्हीलर पार्क कर, वहां से कैब लेकर अस्पताल तक जाती थी ।
क्या है पूरा मामला :
बुधवार को भी डॉ. प्रियंका रेड्डी, वेटनरी हॉस्पिटल से टोल प्लाजा पर लौटी और वहां से एक और क्लिनिक पर जाने के लिए रवाना हो गई । रात 9 बजकर 22 मिनट पर प्रियंका ने अपनी बहन को फोन पर बताया कि उसके टू-व्हीलर का एक टायर पंक्चर है । एक व्यक्ति ने उसे मदद की पेशकश की है । कुछ देर बाद उसने दोबारा फोन कर बताया कि मदद की पेशकश करने वाला व्यक्ति कह रहा है कि आसपास की सभी दुकानें बंद हैं और पंक्चर ठीक करवाने के लिए गाड़ी को कहीं और ले जाना होगा ।
परिवार के लोगों ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि जब डॉ. प्रियंका ने अपनी बहन को फोन किया, तब वह डरी हुई थी । बहन ने उसे सुझाव दिया कि वह टू-व्हीलर वहीं छोड़े और कैब बुक कर घर लौटे । प्रियंका ने कहा कि हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा के किनारे इंतजार करने में उसे अजीब महसूस हो रहा है । उसने बाद में अपनी बहन से यह भी कहा कि आसपास अजनबी लोग हैं, वे उसे घूर रहे हैं और उसे डर लग रहा है । पास में ही एक लॉरी खड़ी है, जहां कुछ लोग मौजूद हैं । डॉ. प्रियंका ने बहन से कहा कि वह उससे फोन पर बात करती रहे । बाद में रात 9 बजकर 44 मिनट पर प्रियंका का फोन स्विच ऑफ हो गया । परिवार ने पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी ।
पुलिस के मुताबिक, रात के वक्त में नो एंट्री होने की वजह से तोंडुपल्ली टोल प्लाजा के पास ट्रक और लॉरियां खड़ी हो जाती हैं । बुधवार रात चार ट्रक ड्राइवर और क्लीनर टोल प्लाजा के पास शराब पी रहे थे । इसी दौरान उनकी टू-व्हीलर पंक्चर होने के कारण अकेली खड़ी डॉ. प्रियंका पर नजर पड़ी । वे पंक्चर ठीक करवाने के बहाने से उसे अपने साथ ले गए । वे बुधवार रात 9.30 बजे से गुरुवार तड़के 4 बजे तक डॉक्टर से दुष्कर्म करते रहे । इसके बाद उन्होंने प्रियंका की हत्या कर दी । वे लाश को करीब 30 किमी एक पुल के नीचे ले गए । फिर शव को चादर में लपेटा और केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी। इसके बाद दो आरोपी बाइक पर और बाकी लॉरी से लाैट आए । इस मामले में नारायणपेट का रहने वाला मोहम्मद पाशा मुख्य आरोपी है ।
डॉ. प्रियंका, हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित जिस टोल प्लाजा पर आखिरी बार देखी गई थी, वहां से करीब 30 किमी दूर एक किसान ने गुरुवार सुबह उसका जला हुआ शव देखा । उसने पुलिस को सूचना दी । पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर डॉ. प्रियंका के परिवार के लोगों को घटनास्थल पर बुलाया । अधजले स्कार्फ और गोल्ड पेंडेंट से डॉ. प्रियंका के शव की पहचान हुई । साइबराबाद पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया । ये ट्रक ड्राइवर और क्लीनर हैं । इन्होंने शराब पीने के बाद डॉक्टर को सात घंटे तक बंधक बनाए रखा और सामूहिक दुष्कर्म किया । इसके बाद शव आग लगा दी ।
अब सवाल यह भी खड़ा होता है क्या ऐसे अपराध को रोकने में भारत की कानून-व्यवस्था असमर्थ हो चुकी है ? सब जानते हैं कि बलात्कार एक सामाजिक अपराध ही नहीं, बल्कि एक मानसिक विकृति भी है, जो अंदर छुपे वहशीपन को बाहर निकालती है । कानून-व्यवस्था के पिंजरे में कई आपराधी फंस जाते हैं, तो कई छूट भी जाते हैं ।
स्कूल, मंदिर, चर्च-मदरसों तक और खेत-खलिहानों से लेकर शहर की चौड़ी सड़कों तक आज बच्ची से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी महिला अब सुरक्षित नहीं हैं । कानून-व्यवस्था के पिंजरे में कई आपराधी फंस जाते हैं, तो कई छूट भी जाते हैं, लेकिन दोनों ही स्थितियों में महिला को उम्र भर का दर्द सहना पड़ता है ।