बच्चे मौत के मुँह में बैठ कर, कर रहे हैं पढ़ाई, बच्चों के जान से यह कैसा खिलवाड़, एक कमरे में जिंदगी, तो दूसरे में…शिक्षिका ने कहा बाहर धूप लगता है…

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जशपुरनगर । विश्वबंधु शर्मा की रिपोर्ट : ग्राउंड जीरो से एक और मामला स्कूलों में लापरवाही का उजागर हुआ है, जहां एक कमरे में बच्चों की जिंदगी है और दूसरे कमरे में जानलेवा स्थिति करीब आती दिखाई दे रही है, जिसके बाद भी मामले में स्कूल प्रशासन गंभीर नहीं है ।

मामला बगीचा विकासखंड के नटकेला जामपारा की है, जहां एक कमरे में बच्चे बैठे हैं और लगे दूसरे कमरे में खतरनाक तरीके से भवन के पुर्निमाण के लिए तोड़ा जा रहा है । कई बार बच्चे यहां खतरनाक स्थिति में आ जा रहे हैं तो कई बार पत्थर टूटकर बच्चों की ओर गिर रहा है, जिसके बाद भी बच्चों को दुर्घटना की आशंका वाले क्षेत्र से दूर नहीं ले जाया गया ।

जिस कमरे में बड़ी संख्या में बच्चे बैठे हैं, उससे लगे दूसरे कमरे की छत को तोड़ा जा रहा है । भवन को तोड़ने का कार्य भी इस कदर लापरवाही पूर्वक देखने को मिला, जिसमें मजदूरों को भी बड़ा खतरा हो सकता है और कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है । यह मामला बगीचा विकासखण्ड के ग्राम नटकेला जाम पारा की है, जहां स्कूल भवन स्लैब को तोड़कर नई मरम्मत की जानी है । स्लैब की तोड़ाई मजदूरों द्वारा शूरु किया जा चुका है और बच्चों को पढ़ाने का काम भी उसी भवन में किया जा रहा है, जब हमने इसकी तहकीकात की तो शिक्षिका बच्चों को उसी जगह खाना दे रही थी जहाँ भवन को एक एक करके तोड़ा जा रहा था ।

शिक्षा के ठेकेदारों द्वारा यह बच्चों के जान से खिलवाड़ करना कहीं भारी न पड़ जाए, इसलिए आवश्यक है कि कम से कम बच्चों और देश के इस ​भविष्य के साथ जोखिम भरा कार्य नहीं किया जाए ।

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