जिलाध्यक्षों के चुनाव के पहले ही, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रदेशाध्यक्ष बनने की ख़बरों ने मचाई हलचल । पार्टी में असंतोष और आक्रोश के माहौल से केंद्रीय नेतृत्व चिंतित ।
भारतीय जनता पार्टी में मण्डल अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं । अब जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों का दौर शुरू हो चुका है । छत्तीसगढ़ में सभी जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करने की समय सीमा 25 नवम्बर तय की गई है ।
25 नवम्बर तक सभी जिलों के अध्यक्षों की नियुक्ति करना है । लेकिन जिलाध्यक्ष के चयन प्रक्रिया को लेकर कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है ।
कई जिलों में विधानसभा चुनाव में हारे हुए नेताओं को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है । रायपुर में भी पहले शहर जिलाध्यक्ष को लेकर गतिरोध बना हुआ है । प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से हारने के बाद भी बिलाईगढ़ के पूर्व विधायक सनम जांगड़े को बलौदाबाजार जिले का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि महासमुंद में पूर्व विधायक रूपकुमारी चौधरी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है ।
इन नियुक्तियों को लेकर कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी उजागर हो रही है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद ऐसा माना जा रहा था कि संगठन चुनाव में भाजपा पार्टी संगठन में नए व जमीनी कार्यकर्ताओं को अवसर दिया जाएगा ।
राजनांदगांव में भी जिलाध्यक्ष को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है । राजनांदगांव के तमाम अखबार, इसतरह के समाचार सुर्खियों से पटे पड़े हैं ।
राजधानी रायपुर शहर जिलाध्यक्ष को लेकर भी गतिरोध बना हुआ है, क्योंकि यहां पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत, छगन मूंदड़ा, संजय श्रीवास्तव, प्रफुल्ल विश्वकर्मा का नाम प्रमुखता सामने आया है । ये सभी डॉ. रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं, तथा 15 वर्ष भाजपा की सरकार के समय ये नेता सत्ता व संगठन के शीर्ष पदों पर रहे हैं । इनके अलावा सूर्यकांत राठौर, मनोज प्रजापति, रमेश ठाकुर, श्यामसुंदर अग्रवाल, जयंती पटेल भी दावेदार हैं, वहीं जिला उपाध्यक्ष सत्यम दुआ भी जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करते दिख रहे है जो, पिछले दो दिनों से फेसबुक पर अपनी पोस्ट के माध्यम से नाराजगी जता रहे हैं ।
रायपुर ग्रामीण की बात करें तो वहां पर दो बार जिला महामंत्री रहे अभिनेष कश्यप प्रबल दावेदार हैं, रायपुर ग्रामीण जिला इकाई के मण्डल अध्यक्षों व कार्यकर्ताओं का कश्यप को पूरा समर्थन है, जबकि धरसींवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुके देवजी भाई पटेल के नाम को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है, किंतु रायपुर ग्रामीण के भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है।
इस पूरी प्रक्रिया को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं का यह मानना है कि, अपने लोगों की नियुक्तियां करवाने के लिए पहले से ही तैयारी की जा चुकी है । वहीं संगठन मंत्री द्वारा भी इन शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे पार्टी के भीतर ही असन्तोष दिख रहा है ।
इस बीच खबर निकल कर आ रही है कि अभी जिला अध्यक्षों के चुनाव तो हुए नही हैं पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए जोड़तोड़ शुरू कर दिया है । वैसे, मीडिया के सामने तो वो कहते दिख रहे हैं कि मैं प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में नहीं हूँ । पर राजनीति यही कहती है कि “ना, ना कहते …“