गहराई से मनन किया जाए तो शासन में बघेल और प्रशासन में मण्डल की जोड़ी प्रदेश के स्वरूप में अमूलचूल बदलाव लाने की क्षमता रखती है ।
CS आर पी मण्डल को चार्ज लिए अभी पखवाड़ा ही बीता है और उन्होंने अपने तेवर दिखाने शुरू कर ही दिए ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सबसे बड़ा तीर तश्कर से निकला और सारे अधिकारी जैसे नींद से जाग उठे । अक्टूबर के अंतिम दिन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश को एक उपहार स्वरूप, आर पी मण्डल को प्रशासन की डोर सौपने की ठान ली । वो, मण्डल के तेवरों को बड़ी गहराई से, बख़ूबी समझते आये हैं । वैसे और गहराई से मनन किया जाए तो शासन में बघेल और प्रशासन में मण्डल की जोड़ी प्रदेश के स्वरूप में अमूलचूल बदलाव लाने की क्षमता रखती है ।
तो, अपने पूर्व के उल्लेखनीय कार्यों से चर्चित मण्डल, मुख्य सचिव बनते ही वापस अपने फॉर्म में आ गए हैं । राजधानी रायपुर की जर्जर हो रही विकास व्यवस्था को, व्यवस्थित करने, उन्होंने पहले तो, प्रदेश के प्रशासन और पुलिस के तमाम तथाकथित कड़े-खड़े कॉलर वाले अधिकारियों को एक मीटिंग में अपने कड़े रुख़ से वाकिफ कर दिया । दूसरे दिन इन्हीं अधिकारियों को AC कमरों से निकाल कर, चार से दो पहियों पर उतार दिया ।
महिला या पुरूष, सभी अधिकारियों के सुबह की कडक़ ठंड में, पसीने छुड़ा दिए और दुपहिए से दौड़ा दिया राजधानी की सड़कों पर । मण्डल, रायपुर से ही पढ़कर इंजीनियर बने हैं और उन्हें अपने मातहतों से काम लेने का लंबा अनुभव है ।
कल मुख्य सचिव मण्डल सुबह 5 बजे, जब ख़ुद स्कूटर चलाते हुए अपने मातहत अधिकारियों के पास काम का मुआयना करने पहुँचे तो, जब तक वे स्कूटर से नहीं उतरे, कोई उन्हें पहचान नहीं पाया । अपना हेलमेट उतारते हुए जब उन्होंने पूछा कि आप सब कैसे आये हैं तो सभी ने कहा कि दोपहिया से । इसके बाद उन्हें कड़े दिशा निर्देश देते हुए कहा कि आइंदा से सभी, स्कूटर या पैदल चलकर कर ही कार्य प्रगति का अवलोकन करें ।
राजधानी के साथ साथ प्रदेश के अन्य शहरों के बारे में भी पता चला है कि सभी अधिकारी मुस्तैदी से सड़कों पर उतर आए हैं ।
मुख्य सचिव मण्डल का अभी 3/4 साल का कार्यकाल बचा है । सभी ये मानकर चल रहे हैं कि इन वर्षों में राजधानी के अलावा पूरे प्रदेश का अमूलचूल, सकारात्मक विकास होगा ।