रायपुर एसपी आरिफ़ शेख़ लगातार विवादों में घिरते दिख रहे हैं । उनकी कार्यप्रणाली से लगातार, रायपुर से दिल्ली तक सरकार की फजीहत हो है ।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि निलंबित पुलिस महानिदेशक मुकेश गुप्ता की बेटियों का, छत्तीसगढ़ की नंबर प्लेट की पजेरो स्पोर्ट्स गाड़ी, क्रमांक सीजी 13 U 0001 से पीछा करवाया गया । आरोप यह भी है कि रायपुर पुलिस, मुकेश गुप्ता की बेटी के कार ड्राइवर को पकड़ कर ले गई है ।
मामले की शिकायत 6 अक्टूबर 2019 को, मालवीय नगर थाना, नई दिल्ली की गई । तब आनन फ़ानन में रायपुर पुलिस ने 91 (सीआरपीसी इक्यानवे) की नोटिस भेज कर प्रार्थी की शिकायत को और पुख़्ता बना दिया । अब सवाल उठता है कि महंगी, पजेरो स्पोर्ट्स कार का उपयोग क्या छत्तीसगढ़ पुलिस करती है ?
दूसरी बात यह है कि कॉल रिकॉर्ड लेने अथवा फ़ोन टेपिंग करने के लिये आईजी पुलिस, रायपुर और दुर्ग के द्वारा, प्रक्रिया के पालन में किये गए पत्र व्यवहार की प्रतियाँ मुकेश गुप्ता तक कैसे पहुँच गई । और इसका उपयोग सर्वोच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका में किया जाना, दर्शाता है कि, रायपुर पुलिस अब तक जो भी कार्यवाही करती रही है, वो सारी बातें मुकेश गुप्ता तक किसी ना किसी रूप में पहुँचती रही है ।
ज्ञात हो कि कॉल रिकॉर्ड निकालने के लिये, आईजी के लिखे पत्र की जानकारी, शासन को भी समय पर नहीं दी गई थी ।
वहीं मुकेश गुप्ता की बेटी का, चेन्नई फ़्लाइट से दिल्ली जाने के दौरान, रायपुर और दुर्ग पुलिस ने कथित तौर पर पीछा किया और हैरानी है कि सीएसपी तथा टीआई स्तर के अधिकारियों को, शिकायतकर्ता नाम से पहचान रही थी । इस बात की पुष्टि उसके द्वारा की गई शिकायत में होती है ।
स्पष्ट जाहिर है कि मुकेश गुप्ता की पहुँच, भीतर तक है जो ऊपर तक प्रभाव डालते हैं । उसके निशाने पर भूपेश सरकार है और आरिफ़ शेख़ की पुलिस की ग़लतियों ने उसे और ताकतवर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।