छत्तीसगढ़ बंद का ऐतिहासिक फैसला …
छत्तीसगढ़ के 97% आरक्षित वर्ग के लोग मिलकर कराएंगे छत्तीसगढ़ बंद … लिखा जाएगा सामाजिक भाईचारा का एक नया इतिहास …..
आरक्षण के मुद्दे को लेकर 9 अक्टूबर और 13 अक्टूबर को हुए दोनों प्रदेश स्तरीय बैठकों में प्रदेश के बहुसंख्यक समाज ने एक दूसरे के दर्द और पीड़ा को हरने के लिए एक मंच पर एकत्रित होकर अपने महापुरुषों के सपनों को किया साकार……
बरसों पुराने, बुने गए सामाजिक ताना-बाना को तोड़कर आपसी भाईचारा का दिया संदेश … अब मिलकर लड़ेंगे एक दूसरे के हक अधिकार की लड़ाई…
ओबीसी 27% की बहाली/एस सी 16%की मांग
गरीब सवर्ण 10% आरक्षण पर रोक व वनांचल में वन भूमि बेदखली पर रोक संबंधी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान….
13 नवंबर को महादेव घाट रायपुर में 27%आरक्षण के मुद्दे को लेकर प्रदेश स्तरीय बैठक दूसरी बार आयोजित की गई … छत्तीसगढ़ के कोने कोने से आए एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक वर्ग के प्रमुखों ने कड़े शब्दों में आरक्षण विरोधियों की निंदा की, भर्त्सना की है ।
उपस्थित प्रमुख वक्ताओं ने कड़े लहजे में एक स्वर में कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ में 97% आबादी में निवास करते है, और हम इस देश के, इस राज्य के मूल निवासी हैं ।
इस देश की जल, जंगल ,जमीन पर हमारा अधिकार है । इसके बाद भी हमें हमारा हक अधिकार दिया नहीं जा रहा, बल्कि हमसे छीना जा रहा है । वर्षों तक हमारे ऊपर जुल्म, ज्यादती, शोषण, अत्याचार होता रहा है ।
आज तक केंद्र में दिए जा रहे 27% आरक्षण का कहीं पता नहीं है । आंकड़ों से पता चलता है कि अब तक केवल 3% आरक्षण का ही लाभ हमें मिला है । आंकड़ों के आधार पर 27% आरक्षण में केवल 3% आरक्षण का लाभ अब तक मिल पाया है, तो बाकी बचत 24% कहां गया ? किसके खाते में गया ? उस आरक्षित पद का लाभ किसे मिला ? कौन सा वर्ग है जो हमारे हिस्से पर कब्जा जमाया हुआ है ? यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है…. जांच का विषय है ।
छत्तीसगढ़ में हमारी आबादी 52% है इसके बावजूद भी हमें 27% आरक्षण देने की घोषणा कर राजपत्र में प्रकाशित किया गया । इसके लिए एससी/एसटी भाइयों ने न्यायधानी से राजधानी तक पैदल मार्च किया था । एससी वर्ग के भाइयों के पैरों में छाले तक पड़ गए थे । उनके संघर्षों का ही परिणाम था कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने की घोषणा की । इसके बाद प्रदेश भर में माननीय मुख्यमंत्री जी का 27% आरक्षण के लिए आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।इसके लिए sc-st के भाइयों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से और माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर आभार व्यक्त किया । लेकिन एक वर्ग -विशेष ने, एक विशाल ओबीसी समुदाय को, जिनकी आबादी छत्तीसगढ़ में 52% है, उन्हें 52% आरक्षण देने के बजाय केवल 27% आरक्षण दिया गया जो आबादी के आधार पर नाकाफी है । वह भी हमारे सवर्ण भाइयों को नागवार गुजरा ।
पूरा सवर्ण समाज एकजुट होकर सड़कों पर उतर गया ..27% आरक्षण को रूकवाने, स्टे लगवाने के लिए । जगह-जगह ज्ञापन दिए । सरकार के खिलाफ नारे लगाए । सी एम का पुतला दहन किए । इतने में भी वे शांत नहीं हुए । 35 लोगों ने मिलकर 8 से 10 याचिकाएं दायर कर ओबीसी को दिए गए 27% आरक्षण पर रोक लगवा दी । यह ओबीसी वर्ग के लिए एक बहुत बड़ा झटका है, कुठाराघात है । ओबीसी वर्ग के मुंह का निवाला छीनने जैसा है ।
इससे यह साबित होता है की छत्तीसगढ़ में निवासरत सवर्ण समुदाय, ओबीसी वर्ग के हितैषी, नहीं है । सभी वक्ताओं ने एक स्वर में, ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के खिलाफ सड़कों पर उतर कर पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिए ।
सभी समाज प्रमुखों कहना है कि अब हम ऐसे ताकतों का पुरजोर विरोध करेंगे जो हमारे हित, रक्षा और प्रगति में बाधक है । हम 13 नवंबर को सड़कों पर तो उतर कर पूरे प्रदेश को बंद कराएंगे ही, साथ ही साथ माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन भी दायर कर 27% आरक्षण पर लगाए रोक को हटाने का गुहार लगाएंगे ।
उपस्थित सभी समाज प्रमुखों बैठक के पश्चात सीएम हाउस के लिए रवाना हुए और माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर मांग रखी कि सरकार हमारे पक्ष को मजबूती के साथ न्यायालय में रखें और हमें यथाशीघ्र न्याय दिलाए ।
समाज प्रमुखों ने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि अनुसूचित जाति को उनका छीना गया 16% आरक्षण तत्काल वापस दे और 2011 की जनगणना के आधार पर, अगर sc का आरक्षण 1% बढ़ाकर 12% से 13%किया गया है और 2011 की जनगणना के आधार मानकर 16% नहीं किया जा सकता तो 2021 की जनगणना होने तक गरीब सवर्णों को दिए 10% आरक्षण पर तत्काल रोक लगाएं ।
समाज प्रमुखों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सवर्णों की आबादी 2 से 3% है और अगर उसमें गरीबी का आंकड़ा निकाला जाए तो प्रतिशत में ही उनकी आबादी होगी तो उन्हें किस आधार पर 10% आरक्षण दिया गया है ?
एससी वर्ग को इतने वर्षों में अर्थात 2011 की जनगणना के बाद से अब तक हुए 1% नुकसान की भरपाई बैकलॉग पदों के माध्यम से किया जाए ।
साथ ही एसटी वर्ग को उनके वन भूमि से बेदखल न किया जाए और फर्जी नक्सली घोषित कर जेलों में बंद किए गए भोले-भाले आदिवासियों को तत्काल रिहा किया जाए ।
उक्त सभी मांगों को लेकर महंत बाड़ा, बिलासपुर में छत्तीसगढ़ बंद करने का फैसला लिया गया था, लेकिन 9 नवंबर की तिथि में आंशिक बदलाव कर बंद की तिथि 13 नवंबर की गई है ।
प्रदेश के एससी/एसटी/ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग के सभी लोगों से निवेदन किया गया है, आह्वान किया गया है कि हमारे लोग अपने घरों में ताला लगाकर अपने अपने परिवार के साथ अन्याय, अत्याचार, जुल्म, ज्यादती के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़कों पर उतरकर, ओबीसी को 27% आरक्षण दिलाने, एससी को 16% आरक्षण दिलाने, एसटी वर्ग को उनके वन भूमि या निवासरत भूमि पर से बेदखल न होने देने और गरीब सवर्णों को बिना जनगणना के दिए गए 10% आरक्षण पर रोक लगाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ बंद कराएं ।
बैठक में लिए गए निर्णय का समर्थन करने वाले समाज प्रमुख : सर्वश्री रमेश यदु, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सर्व समाज महासंघ, श्री विपिन साहू, प्रदेश अध्यक्ष सर्व छत्तीसगढ़िया समाज, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष साहू समाज, श्री शगुन वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी महासभा, श्री गिरधर मढ़रिया राष्ट्रीय अध्यक्ष नेशनल ओबीसी फेडरेशन, श्री देवा राम साहू छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण मंच, श्री ओम प्रकाश साहू प्रदेश अध्यक्ष छ ग पिछड़ा वर्ग कल्याण मंच, श्री महेंद्र साहू, प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़िया मूलनिवासी पिछड़ा वर्ग संघ
श्री सोहन पोटाई जी पूर्व सांसद एवं संरक्षक सर्व आदिवासी समाज
श्री बीपीएस नेताम जी अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज
श्री नवल मंडावी जी पूर्व (IAS ) सर्व आदिवासी
समाज
श्री प्रभाकर ग्वाल जी पूर्व सीबीआई जज एवं संरक्षक एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी महासंघ
श्री एन डी इक्का जी पूर्व न्यायाधीश संरक्षक
एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी महासंघ
श्री पीआर बर्मन जी पूर्व न्यायाधीश संरक्षक एससी एसटी ओबीसी एंड माइनॉरिटी महासंघ
श्री एल एल कोशले जी प्रदेश अध्यक्ष प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज
श्री दशे राम खांडे जी राजमहल सतनामी समाज
श्री राज नारायण निराला जी राजमहल सतनामी समाज श्री बृज खंडे जी महंत सतनामी समाज
हेमंत पोयम जी प्रदेश अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी छ. ग.
श्री रामकृष्ण जांगड़े जी मुख्य संयोजक संयुक्त मोर्चा
श्री अश्वनी बबलू त्रिवेंद्र जी प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज युवा विंग
श्री विजय कुर्रे जी प्रदेश सचिव प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज
लव कुश साहू जी एडवोकेट छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
डॉक्टर संतोष साहू जी संयोजक एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी महासंघ
श्री बृजेश साहू जी प्रदेश संयोजक एससीएसटी ओबीसी अल्प सं महासंघ
श्री क्रांति साहू जी प्रदेश अध्यक्ष एससी एसटी ओबीसी, अल्प. महासंघ
श्री देव लाल सोनवंशी जी जिला महासचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण मंच कोंडागांव
श्री राधेश्याम टंडन जी प्रदेशाध्यक्ष महासंघ
श्री अश्वनी कुर्रे, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष शिक्षक फेडरेशन,
हेमचंद मेरे, बहुजन समाज पार्टी बिलासपुर, भागवत पात्रे, बीएसपी बिलासपुर, मन्नू कुर्रे, राजेंद्र बर्मन, रामफल मांडरे एपीआई, हरीश कुर्रे एपीआई, राजेश्वर सोनी प्रदेश उपाध्यक्ष एससी एसटी ओबीसी एंड माइनॉरिटी महासंघ
*श्विनोद कोशले जिलाध्यक्ष बिलासपुर sc.st.obc and minority महासंघ, *गिरीश पाटले जिलाध्यक्ष ग्रामीण बिलासपुर एससी/एसटी ओबीसी एंड माइनॉरिटी महासंघ
*देव नारायण साहू sc-st ओबीसी एंड माइनॉरिटी महासंघ, *कृष्ण कुमार रायकर प्रदेश अध्यक्ष अहिरवार समाज, *हरीश पांडल, *कुमार लहरे सतनाम पुनर्जागरण संगठन, *अनिल बघेल जी मीडिया प्रभारी महासंघ, *सूरज निर्मलकर जी धोबी समाज, विजन संयोजक भारत जन आंदोलन, *अलख राम यादव प्रदेश महामंत्री अखिल भारतीय यादव महासभा, *श्रवण कुमार दरो परगना मंत्री चारामा कांकेर, *बेनी प्रसाद परगनिया छत्तीसगढ़ भात्री संघ दुर्ग, *महेंद्र लाल देवांगन सचिव छत्तीसगढ़ भात्री संघ, &श्रीमती कुंती कुंजाम बस्तर संभाग, *श्रीमती सुलोचना नेताम बस्तर संभाग, *हीरा बानी नेताम बस्तर संभाग,
*भागवत वैष्णो महासचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण मंच, *सियाराम साहू पिछड़ा वर्ग संगठन, *शंकर हिरवानी पिछड़ा वर्ग संगठन, *संतोष जैन पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ कांकेर, *योगेश साहू पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष, *रामचरण सोनकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, *विष्णु बघेल जी, *रूद्र वर्मा जी महामंत्री कुर्मी समाज, *अजय चौहान जी गाड़ा समाज प्रमुख
*सुखराम यदु जी संरक्षक यादव समाज, *सोनू राम नेताम जी संयोजक छत्तीसगढ़ किसान समिति, *फूल सिंह नेताम जी कोषाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज, *माधवदास बिंदास प्रांतीय अध्यक्ष गंधर्व समाज, *चिंता राम साहू प्रदेश प्रभारी पिछड़ा समाज, *संतोष पटेल, *राज गौरव आरके भट्टपहरी उपाध्यक्ष स स महासभा, *महेंद्र कुमार, *राजेश हुमने, *संजीत बर्मन, *विनोद घृतलहरे, *राज बंजारे, *विनोद बंजारे, *सागर बंजारे, *सनत दिव्य, *सुरेंद्र घृतलहरे, *लोकेश उके, अजय वाहने, *नरेंद्र रामटेके, *ओमप्रकाश गंगोत्री, राम सिंह बौद्ध, *वीसी जाटव, *अनिल पंत, *अभय पास्तारिया, *अनिल बसंत, *गणेश कोसले जी प्रदेश अध्यक्ष बापसा, *सुभाष परते, प्रदेश उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग, *लाल जी चतुर्वेदी, महासंघ, *नंद खांडे, *मोती खांडे जी महासंघ, *राजीव ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी महासंघ एवं सर्व आदिवासी समाज, *राम नारायण टेकाम जी प्रमुख जयस,
*संतोष मेरी, अध्यक्ष रायपुर जिला sc.st.obc
महासंघ, *संजय बंजारे, जिला सचिव एससी एसटी ओबीसी एंड माइनॉरिटी महासंघ, छत्तीसगढ़िया मूलनिवासी पिछड़ा वर्ग संघ प्रदेश अध्यक्ष, *रेखा हिरवानी प्रदेश उपाध्यक्ष, *धर्मजीत सिंह प्रदेश महासचिव, *कोमल दास प्रदेश संगठन मंत्री, *नारायण मरकाम प्रांतीय अध्यक्ष युवा विभाग गोंडवाना गोंड महासभा, *अश्वनी कांग्रे प्रांतीय उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज ,फणींद्र भूरी आदिवासी महापंचायत, *नेपाल सिंह जिला अध्यक्ष जिला शासकीय सेवक संघ, *बसंत चक्रधारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुम्हार समाज, *दिलीप चक्रधारी, सुरेश टीकम, मोहन सिंह, मोती लाल हिरवानी, महेंद्र दास, इत्यादि