रायपुर, 11 जुलाई 2021, 16.15 hrs : राजद्रोह मामला दर्ज निलंबित एडीजी जीपी सिंह पर रविवार को सीबीआई के पूर्व जज प्रभाकर ग्वाल ने बड़ा खुलासा किया है ।
उन्होंने खुलासा किया है कि बिलासपुर एसपी राहुल शर्मा की मौत के मामले पर साक्ष्य छिपाया गया… और जिसने भी साक्ष्य को छिपाया है उसे बचाने का प्रयास किया गया है ।
एसपी राहुल शर्मा ने प्रताडऩा के चलते खुदकुशी कर ली थी जिस प्रकरण में तत्कालीन आईजी जीपी सिंह पर प्रताडऩा के आरोप लगे थे । इम मामले पर जांच हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला । सीबीआई के पूर्व जज प्रभाकर ग्वाल ने इस पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जैसे ही गंभीर व वीभत्स मृत्यु की कोई घटना हुई हो या होती हो पर प्रथम दृष्टया हत्या का मामला दर्ज कर विवेचना होनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि किसी अपराध के अन्वेषण, और जांच की कार्रवाई पर रोक लगाने को किसी भी न्यायालय को कोई अधिकार नहीं है । यदि कोई भी अन्वेषण और जांच पर रोक लगाई जाती है, तो संबंधित रोक लगाने वाले साक्ष्य छुपाने में सहयोग करने की दोषी हो सकते हैं ?
श्री ग्वाल ने कहा कि यह विधिक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि किसी परिसर में या मृतक के आसपास रहे हर व्यक्ति मृत्यु कारण जानता है या मृत्यु का कारक स्वयं है । उन्होंने कहा कि दिवंगत राहुल शर्मा के हत्या ठीक दिल्ली के आरूषी तलवार हत्याकांड जैसी है ।
आई पी एस राहुल शर्मा के मृत्यु जिस पुलिस मेस में हुई उस परिसर के सभी व्यक्तियों का साक्ष्य संग्रह नहीं किया गया, फिर राहुल शर्मा के साथ मृत्यु के पहले करीब 7 दिन तक जितने भी संदेही गुजरे सभी कथन दर्ज किया जाना जरूरी है । उन्होंने कहा कि राहुल शर्मा की कथित हत्या के बाद नाकेबंदी हुई थी, पर कुछ पुलिस अधिकारी को छिपाकर बिलासपुर से बाहर भेजा गया है जिसके बारे में आज तक की विवेचना मौन है ।
पूर्व जज प्रभाकर ग्वाल ने यह भी कहा है कि यदि आम आदमी के खिलाफ ऐसे कोई सुसाईड नोट मिलता है तो पहले गिरफ्तारी की प्रक्रिया होती है और फिर बाद में अपराध दर्ज होता है । आज तक सभी अन्वेषण और जांच न्यायिक अधिकारियों के विरूद्ध जिन्होंने सही ड्युटी नहीं निभाया है, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए। इनसे पूछताछ करने पर ही अपराध की साक्ष्य की कडिय़ां जुड़ेंगी और वास्तविक दोषियों के ऊपर कार्रवाई होगी ।
श्री प्रभाकर ग्वाल ने कहा कि कुछ सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता साथ राहुल शर्मा के हत्या के लिए समुचित कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे है । उन्होंने कहा कि मैं स्वयं व्यक्तिगत रूप से इस प्रकरण में कोई भी कानूनी कार्रवाई मेरे नाम से विधिक रूप से नहीं कर सकता हूं क्योंकि मेरे द्वारा न्यायिक अधिकारी रहते हुए जांच कार्रवाई की जा रही थी ।