नई दिल्ली, 27 जून 2021, 18.15 hrs : पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है. इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए इन दिनों हर जगह वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या वैक्सीन की दो डोज़ लेने के बाद इस वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है ?
इसको लेकर दुनिया भर में इन दिनों अलग-अलग रिसर्च किए जा रहे हैं. बता दें कि कोई भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ये नहीं कहती है कि दो डोज़ लेने के बाद दोबारा कोरोना नहीं होगा, बल्कि सिर्फ ये दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण होता भी है तो आपको हॉस्पिटल जाने की नौबत नहीं आएगी. यानी आप कोरोना के गंभीर संक्रमण से बच सकते हैं.
लिहाजा एक्सपर्ट्स लोगों से बार-बार वैक्सीन लगाने की अपील कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंटर पर वैक्सीन की एक डोज़ ज्यादा असरदार नहीं है, लेकिन एक डोज से भी लोग काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं. ब्रिटिश सरकार की एक स्टडी में दावा किया गया है कि वैक्सीन की दो डोज़ लेने के बाद डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने वाले 96 फीसदी लोगों को हॉस्पिटल जाने की नौबत नहीं आई. आईए एक नज़र डालाते हैं दुनिया के अलग-अलग रिसर्च के नतीज़ों पर…
अमेरिका में CDS की स्टडी :
अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने वैक्सीन के असर को लेकर एसेंशियल सर्विस से जुड़े 3900 लोगों पर रिसर्च किया. इसमें पता चला कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज़ ली थी उन्हें संक्रमण के खिलाफ 90 फीसदी तक सुरक्षा मिली. इतना ही नहीं इस स्टडी में ये भी पाया गया कि वैक्सीन की एक डोज़ लेने वालों को 81 फीसदी तक की सुरक्षा मिलती है. सिर्फ 5 फीसद लोगों को वैक्सीन लेने को बाद कोरोना हुआ.
ICMR की स्टडी :
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी वैक्सीन के असर को लेकर ओडिशा में एक स्टडी की है. ये स्टडी मार्च से लेकर 10 जून तक हुई. इसमें पता चला कि सिर्फ 10 फीसदी लोग वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुए. महज 9.9% लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की नौबत आई. इस दौरान सिर्फ एक हेल्थ वर्कर की मौत हुई. लगभग 64 लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाइपोथायरायडिज्म और अस्थमा जैसी बीमारियां पहले से थी.
फोर्टिस की स्टडी :
17 जून को फोर्टिस हेल्थ केयर ने अपनी स्टडी रीलीज़ की. इस स्टडी के मुताबिक ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लेने के बाद हल्का संक्रमण हुआ. संक्रमित मरीज़ घर में ही ठीक हो गए, खास बात ये है कि ये स्टडी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान की गई थी. वैक्सीन की दो डोज़ लेने वालों में से सिर्फ एक फीसदी को आईसीयू में भर्ती होना पड़ा. ये स्टडी करीब 16 हज़ार स्वास्थ्य कर्मियों पर की गई. वैक्सीन की दो डोज़ लेने के बाद सिर्फ 6 फीसदी स्टाफ संक्रमित हुए. (news18.com)