अब तक दो बातें काफी प्रचलित रहीं कि ब्लैक फंगस के प्रमुख लक्षण चेहरे पर सूजन, आंख के आसपास या दांत में दर्द, सिर दर्द आदि हैं, लेकिन अब पेट दर्द को भी एक लक्षण के तौर पर समझा जा रहा है. साथ ही, इन दो ताज़ा केसों के मद्देनज़र यह भी कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्टेरॉयड्स लेने वाले मरीज़ों को ही यह संक्रमण हो.
सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों की मानें तो परिवार के तीन सदस्यों को कोरोना के कारण खो चुके दिल्ली के एक 56 वर्षीय व्यक्ति को पेट दर्द की शिकायत पत्नी के अंतिम संस्कार के समय हुई. यह व्यक्ति भी अपनी पत्नी के साथ ही कोरोना ग्रस्त पाया गया था. पहले पेट दर्द को एसिडिटी समझकर घरेलू इलाज करने से तीन दिन की देर जांच में हुई. सीटी स्कैन में उसकी छोटी आंत में ब्लैक फंगस संक्रमण होना पता चला.
क्यों दुर्लभ है यह मामला ?
आंत के ब्लैक फंगस को GI म्यूकरमाइकोसिस के नाम से जाना जाता है और इसे ‘अति दुर्लभ’ मामला बताया जाता है. गंगाराम अस्पताल के ही विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह के रोग में आम तौर पर पेट और बड़ी आंत में संक्रमण के मामले पाए जाते हैं, लेकिन छोटी आंत में यह संक्रमण होना काफी दुर्लभ बात है.
कैसे होती है जांच और पुष्टि?
सीटी स्कैन और बायोप्सी के ज़रिये छोटी आंत में होने वाले ब्लैक फंगस की पुष्टि संभव है. गंगाराम अस्पताल में भर्ती किए गए मरीज़ के केस में भी इसी तरह रोग की जांच हुई. बताया गया कि यह मरीज़ वेंटिलेटर सपोर्ट पर गंभीर हालत में है. इसी अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीज़ में भी सीटी स्कैन के ज़रिये ही दुर्लभ मामला सामने आया.
हालांकि बताया गया है कि दूसरे मरीज़ के पेट में दर्द बहुत हल्का था इसलिए क्लीनिकल जांच में इस तरह का शक भी नहीं था. सीटी स्कैन में संक्रमण दिखने के बाद बायोप्सी के बाद ही ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई. यह भी महत्वपूर्ण है कि दूसरे मरीज़ ने स्टेरॉयड्स का सेवन किया था, लेकिन पहले ने नहीं. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब तक इस अस्पताल में ब्लैक फंगस के 60 केस आ चुके हैं. (news18.com)