वैज्ञानिकों के मुताबिक़, देश में कोविड-19 की तीसरी लहर भी आएगी, जो बच्चों को भी प्रभावित करेगी ।
लाइव लॉ के मुताबिक़, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि “मैं पढ़ रहा था कि तीसरी लहर भी आएगी और मसला ये है कि बच्चे प्रभावित होंगे । उन्हें अस्पतालों में ले जाया जाएगा, और मसला ये है कि मां-बाप भी उनके साथ जाएंगे । टीकाकरण करना होगा ।”
बार एंड बेंच के मुताबिक़,सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे देखते हुए तैयारी करनी होगी, जिसमें बच्चों का टीकाकरण भी शामिल है ।
कोर्ट ने कहा, “वैज्ञानिकों के मुताबिक़ आगे आने वाली तीसरी लहर बच्चों को भी प्रभावित करेगी. तो जब एक बच्चा अस्पताल में जाता है तो माँ-बाप को भी जाना पड़ता है । इसलिए इस समूह के लोगों का टीकाकरण करना होगा । हमें इसके लिए वैज्ञानिक तरीक़े से तैयारी करनी होगी और इंतज़ाम करना होगा ।”
साथ ही कोर्ट ने सरकार से उन डॉक्टरों की सेवाएं लेने की संभावना के बारे में सोचने के लिए कहा जिन्होंने एमबीबीएस पूरी कर ली है और पीजी कोर्स में दाखिला लेने का इंतज़ार कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि उनकी सेवाएं तीसरी लहर से निपटने में अहम होंगी ।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “आज हमारे पास 1.5 लाख डॉक्टर हैं जिन्होंने मेडिकल कोर्स पूरा कर लिया है और नीट परीक्षा का इंतज़ार कर रहे हैं । आप उनकी सेवाएं कैसे ले सकते हैं ? 1.5 लाख डॉक्टर और 2.5 लाख नर्सें घर पर बैठे हैं. वो तीसरी लहर के लिए अहम हो सकते हैं ?” (bbc.com)