रायपुर, 19 दिसंबर। राज्य बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता श्याम बैस ने माता कौशल्या की जन्मभूमि को लेकर बयानबाजी की तीखी आलोचना की है । उन्होंने जोर देकर कहा कि चंदखुरी ही माता कौशल्या की जन्म स्थली है । वहां सातवीं शताब्दी का मंदिर इसका प्रमाण है ।
बैस ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और कांग्रेस नेताओं को चेताया कि इस मामले पर सियासत करना उन्हें भारी पड़ेगा ।
श्याम बैस ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि रामायण से छत्तीसगढ़ के संबंधों को लेकर एक हजार पृष्ठ की शोध परख किताब लिखी गई है । इससे पहले तक कभी माता कौशल्या को लेकर कंठ नहीं फूटते थे । जिन लोगों ने कुछ नहीं किया, उन्हें इस विषय पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है ।
श्री श्याम बैस ने कहा कि चंदखुरी का मंदिर सातवीं शताब्दी में क्यों बना, और तालाब के बीच माता कौशल्या का यह मंदिर है । यह माता कौशल्या की जन्मस्थली होने का प्रमाण है । कोसला को जन्मस्थली बता रहे हैं, वह रायगढ़ जिले में हैं । उन्होंने इस मसले पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की, और कहा कि इस पर सियासत करना भारी पड़ेगा ।