.नई दिल्ली, 18 नवंबर 2020, 14.40 hrs : लक्ष्मी विलास बैंक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के जालना जिले में मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर भी पाबंदी लगा दी है ।
अब इस बैंक के ग्राहक कैश पेमेंट और कर्ज का लेनदेन नहीं कर सकेंगे । RBI ने ये पाबंदी 6 महीने के लिए लगाई है । इस सहकारी बैंक के ग्राहक अब खातों से पैसे नहीं निकाल पाएंगे । बैंक पर नई जमा राशि स्वीकार करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है । वह कोई भी पेमेंट नहीं कर सकेगा और न ही किसी तरह का भुगतान करने को लेकर समझौता कर सकेगा ।
मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के बारे में आरबीआई ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि उसने इस बैंक को कुछ निर्देश दिए हैं, जो 17 नवंबर 2020 को बैंक बंद होने के बाद से छह माह तक प्रभावी होंगे । इन निर्देशों के अनुसार, यह बैंक आरबीआई की परमिशन के बिना कोई भी लोन या उधार नहीं दे सकेगा । इसके साथ ही, पुराने लोन का नवीनीकरण और कोई निवेश ही किया जा सकेगा ।
लक्ष्मी विलास बैंक पर भी संकट : केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक को मोरेटोरियम में डालकर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं । वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंक को 16 दिसंबर तक के लिए मोरेटोरियम (Moratorium) के तहत रखा गया है । केंद्र ने बैंक के ग्राहकों की निकासी सीमा भी निर्धारित कर दी गई है । अब एक महीने तक क बैंक ग्राहक हर दिन अधिकतम 25,000 रुपये ही निकाल पाएंगे ।
25 हजार से ज्यादा निकासी के लिए चाहिए RBI की मंजूरी :
वित्त मंत्रालय ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक को बीआर एक्ट की धारा-45 के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दी गई एप्लीकेशन के आधार पर मोरेटोरियम के तहत रखा गया है । मोराटोरियम लागू रहने तक बैंक जमाकर्ता को 25 हजार रुपये से अधिक का पेमेंट नहीं कर सकता है । इससे ज्यादा के पेमेंट के लिए बैंक को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होगी । साथ ही केंद्रीय बैंक के लिखित आदेश पर लक्ष्मी विलास बैंक निर्धारित सीमा से ज्यादा का भुगतान कर सकता है ।
94 साल पुराना है ये बैंक :
एलवीएस बैंक का गठन 1926 में हुआ था । देशभर में बैंक की 16 राज्यों में 566 शाखाएं और 918 एटीएम चल रहे हैं. बैंक ने अपने ग्राहकों को भरोसा दिया था कि मौजूदा संकट का उनकी जमाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बैंक ने कहा था कि 262 फीसदी के तरलता सुरक्षा अनुपात (एलसीआर) के साथ जमकर्ता, बॉन्डधारक, खाताधारक और लेनदारों की संपत्ति पूरी तरह सुरक्षित है ।