रायपुर, 12 नवंबर 2020, 22.45 hrs : प्रदेश सरकार ने सरकारी कालोनी में बने पुराने बंगलों को तोड़ कर व्यवसायिक काम्प्लेक्स बनाने का मास्टर-प्लान तय किया है ।
शांतिनगर के सिंचाई कालोनी के बाद अब सिविल लाइंस के जोगी बंगले के अलावा अन्य सभी मंत्रियों और नेताओं के बंगले छोड़कर व्यवसायिक परिसर इत्यादि बनाने की योजना, सरकार की है ।राजधानी में अनेक सरकारी कालोनी हैं जहाँ के मकल पूरी तरह से जर्जर हो नए है । इन बंगलों को धराशायी कर, नए तरीके से मकान-दुकान एक साथ बनाने की सरकार ने योजना है ।
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के राजधानी के सिविल लाइंस में स्थित सागौन बंगले के अलावा इसके करीब ही स्थित लोक निर्माण विभाग के संभागीय कार्यपालन यंत्री के पुराने दफ्तरों को तोडऩे का मास्टर प्लान पीडब्ल्यूडी ने तैयार किया है । यहाँ पर कमर्शियल काम्प्लेक्स बनाये जाने के प्लान को सरकार से हरी झंडी मिलते ही पीडब्ल्यूडी के तीन उपसंभाग दफ्तरों को खाली कर पुराने ईएनसी दफ्तर परिसर में शिफ्ट भी किया जा चुका है । पुराने स्टाफ क्वार्टर और परिसर में रहने वाले चतुर्थ श्रेणी के पूर्व कर्मचारियों के परिवार के लोगों को जगह खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है ।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी को आबंटित सागौन बंगले के लॉन (बगीचे) में जोगी जी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बड़ी सी प्रतिमा स्थापित की है ।
पता चला है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के रहते तक सरकारी अमले ने सागौन बंगले को इस मास्टर प्लान से अलग रखा था । केवल बंगले से लगे पीडब्ल्यूडी के संभागीय कार्यपालन यंत्री दफ्तर और पुराने क्वार्टर को तोडऩे की योजना बनी थी । जोगी के निधन के बाद सागौन बंगले को भी इस योजना में शामिल किया गया ।