मुंबई, 11 नवंबर, 16.35 hrs : रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को अंतरिम ज़मानत दे दी है । हाईकोर्ट ने अर्नब की जमानत अर्जी ठुकरा दी थी, इसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने गए ।
सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब की याचिका पर सुनवाई के दौरान उद्धव सरकार को भी फटकार है । कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें किसी व्यक्ति को निशाना बनाएं तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि हम (शीर्ष अदालत) उसकी हिफाजत करेंगे ।
सुप्रीम कोर्ट में अर्नब की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने मामले में CBI जांच की मांग की । वहीं, अर्नब की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दायर कर कहा था कि उनका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश जारी न किया जाए ।
कोर्ट की 6 कड़ी टिप्पणियां :
* हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है। महाराष्ट्र सरकार को यह सब नजरअंदाज करना चाहिए।
* अगर किसी व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जाता है, तो यह न्याय का दमन होगा।
* क्या महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत है।
* हम व्यक्तिगत आजादी के मुद्दे से जूझ रहे हैं।
* अगर संवैधानिक अदालत हस्तक्षेप नहीं करतीं, तो हम विनाश के रास्ते पर हैं।
* हम इस मामले में सुनवाई इसलिए कर रहे हैं कि क्योंकि हाईकोर्ट से न तो जमानत मिल पाई और न ही वह व्यक्तिगत आजादी की सुरक्षा कर पाया।
क्या है मामला ?
2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में रायगढ़ पुलिस ने अर्नब और दो अन्य लोगों को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत ने इन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था । अर्नब फिलहाल तलोजा जेल में बंद हैं ।