नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2021 12.20 hrs : आईआईटी के वैज्ञानिकों के बनाए के मॉडल के अनुसार, भारत में 14 से 18 मई के बीच कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों का आँकड़ा 38 से 48 लाख तक हो सकता है । वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का पीक दो-तीन सप्ताह में आ सकता है ।
अख़बार द हिंदू में छपी एक ख़बर के अनुसार, पीक मई 14 से 18 के बीच आ सकता है जिस दौरान देश में कुल एक्टिव केसों का आंकड़ा 38 से 48 लाख तक जा सकता है ।
आईआईटी के वैज्ञानिकों के आंकड़ों के आधार पर बनाए गए एक मॉडल के अनुसार मई चार से आठ के बीच रोज़ाना संक्रमण के 4.4 लाख मामले दर्ज किए जा सकते हैं ।
सोमवार को देश में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 3,52,991 मामले दर्ज किए गए जबकि 2,812 लोगों की मौत इसके कारण हुई. सोमवार को देश में कुल एक्टिव मामलों का आंकड़ा 28,13,658 तक पहुंच गया । आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने संक्रमित होने की संभावना, टेस्ट में वायरस का पता न चल पाने की संभावना और पॉज़िटिविटी की संभावना को आधार बना कर एक मॉडल बनाया है जिसके आधार पर उन्होंने कहा है कि मई महीने के दूसरे सप्ताह के आख़िर तक एक्टिव केसेज़ में दस लाख तक की वृद्धि हो सकती है ।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, भारत सरकार कोविड-19 ते टीकों का आयात नहीं करेगी लेकिन राज्य और कंपनियां चाहें तो टीके का आयात कर सकती हैं । अख़बार ने दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला महामारी की दूसरी लहर के कारण बुरे दौर से गुज़र रहे देश में टीके की रफ़्तार को बनाए रखने के लिए लिया है ।
अख़बार लिखता है कि केंद्र सरकार घरेलू टीका निर्माता कंपनियों को ख़रीद की गारंटी देकर समर्थन करने पर विचार कर रही है ।संक्रमण के बढ़े मामलों के बाद मोदी सरकार ने फ़ाइज़र, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों से आग्रह किया है कि वे बारत में टीके बेचने के लिए आवश्यक शर्तें पूरी करते हुए इसकी अनुमति लें । इसके साथ ही उन्हें नियमों में ढील का आश्वासन भी दिया गया है । (bbc.com)