भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, भारत का सबसे प्राचीन राजनीतिक दल है । इसकी स्थापना 28 दिसंबर, 1885 में मुंबई के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में काँग्रेस के पहले सम्मेलन में हुई थी जहाँ देश भर से 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था ।
काँग्रेस के संस्थापक ए. ओ. ह्यूम थे और अध्यक्ष थे देश के प्रतिष्ठित अधिवक्ता व्योमेश चन्द्र बैनर्जी । साल 1885 में, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस में कुल 72 सदस्य थे जिनमें महत्वपूर्ण थे – दादा भाई नौरोजी, फ़िरोज़ शाह मेहता, दिनशॉ इदुलजी वाचा, काशीनाथ तैलंग, वी. राघवाचार्य, एन.जी. चंद्रावरकर, एस. सुब्रमण्यम इत्यादि ।
काँग्रेस के स्थापना, वर्ष 1885 से 1969 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षों का कार्यकाल सिर्फ एक वर्ष का ही होता था । बीच मे कभी कभी कुछ नेताओं का कार्यकाल 2 या उससे अधिक वर्ष भी रहा । व्योमेश चन्द्र बैनर्जी 2 बार अध्यक्ष रहे – वर्ष 1885 एवं वर्ष 1892 में । सुरेंद्र नाथ बैनर्जी – 1895 और 1902 में । इसी तरह दादा भाई नौरोजी 1886, 1893 और 1906 में । मदनमोहन मालवीय साल 1909, 1918 और 1932 में । मोती लाल नेहरू साल 1919 और 1928 में । अब्दुल कलाम आज़ाद साल 1923 और 1940 से 1946 तक । सुभाष चंद्र बोस साल 1938 एवं 1939 । आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू साल 1929, 1936-37 एवं 1951 से 1954 तक काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ।
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 से आज, 28 दिसंबर 2019 तक 135 वर्षों में, पुरूष और महिलाओं को मिलाकर अब तक, लगभग 60 राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं ।
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के मुख्य उद्देश्य एवं कार्यक्रम थे :
1. लोकतांत्रिक राष्ट्रवादी आंदोलन चलाना
2. भारतीयों को राजनीतिक लक्ष्यों से परिचित कराना तथा शिक्षा देना
3. आंदोलन के लिए मुख्यालय की स्थापना करना
4. देश के विभिन्न भागों के राजनीतिक नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के मध्य मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों की स्थापना को प्रोत्साहित करना
5.उपनिवेशवादी विरोधी विचारधारा को प्रोत्साहन एवं समर्थन देना
6. एक सामान्य आर्थिक एवं राजनीतिक कार्यक्रम हेतु देशवासियों को एकमत करना
7. लोगों को जाती, धर्म एवं प्रांतीयता की भावना से उठा कर उनमें एक राष्ट्रव्यापी अनुभव को जागृत करना
8. भारतीय राष्ट्रवादी भावना को प्रोत्साहित एवं उसका प्रसार करना ।
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की महिलाएं जो पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहीं :
वर्ष 1917 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के 33वें सम्मेलन में पार्टी की पहेली अध्यक्ष एक विदेेशी महिला बनी थी – एनी बेसेंट ।
इनके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के 135 वर्ष के इतिहास में अब तक सिर्फ़ 4 भारतीय महिलाएं ही पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी हैं ।
सबसे पहली भारतीय महिला जो, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की अध्यक्ष बनी 1925 में श्रीमती सरोजिनी नायडू । फ़िर 1933 में नली सेनगुप्ता । उनके बाद 1959 और 1978 से 1984 तक श्रीमती इंदिरा गांधी ।
श्रीमती सोनिया गांधी – 1998 से 12017 तक और अब फिर 2019 से अब लगातार सबसे लम्बे कार्यकाल (20 साल से अधिक), राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बनी हुई हैं । श्रीमती सोनिया गांधी का काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर सबसे लंबा कार्यकाल रहा है ।
देश के अधिकांश प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी के नेता ही रहे हैं ।
छत्तीसगढ़ काँग्रेस द्वारा आज कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर, प्रदेश के समस्त जिला, शहर, नगर और ब्लाक मुख्यालयों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा ।
सुबह 10 बजे प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में ध्वजारोहण करेंगे ।
इसके अलावा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा लिये गये निर्णयानुसार, नई दिल्ली में सम्पन्न “भारत बचाओं रैली” के क्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा राजधानी रायपुर में सुबह नगर घड़ी चौक के निकट अम्बेडकर मूर्ति के समक्ष घड़ी चौक से गांधी चौक पुराना कांग्रेस भवन तक “भारत बचाओं-संविधान बचाओ” के नारे के साथ फ्लैग मार्च किया जायेगा । इस अवसर पर कांग्रेसियों के सभी फ्रंटल आर्गेनाइजेशन और विभागों के कार्यकर्ता होंगे शामिल रहेंगे ।