क्या नोटबंदी में बंद हुए 500-1000 रुपये के पुराने नोट बदलवाने का एक और मौका दे रहा RBI ?

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रायपुर, 7 अप्रैल 2021, 17.15 hrs : PIB की एक फैक्ट चेक टीम है, जो वायरल हो रही अफवाहों और फर्जी सूचनाओं के बारे में पड़ताल करती है और उस बारे में सरकार या सिस्टम से जानकारी लेकर सच्चाई बताती है

स्मार्टफोन में तो पूरी दुनिया सिमट कर एक तरह से हमारी मुट्ठी में आ गई है । मोबाइल और इंटरनेट पर बहुत सारी सूचनाएं तेजी से फैल रही हैं ।  सूचनाएं सही हों तो अच्छी बात है कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे. लेकिन वही सूचनाएं गलत हो तो ​बड़ी परेशानी है ।

गलत सूचना या भ्रामक जानकारी या फिर कोई अफवाह अगर तेजी से ज्यादा ज्यादा लोगों तक फैल जाए तो सरकार और सिस्टम के लिए उनसे निपटना, खंडन करना और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना बहुत मुश्किल हो जाता है । अब देखिए न, नोटबंदी हुए 4 साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन उससे जोड़ते हुए एक सूचना इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है ।

कहा जा रहा है कि नोटबंदी (Demonetization) में बंद हुए 500-1000 रुपये के पुराने नोट बदलवाने की समयसीमा बढ़ा दी गई है ।  हालांकि यह सुविधा विदेशी पर्यटक जैसे ​खास लोगों के लिए है । गौर करने वाली बात यह है कि देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लेटरहेड प्रारूप पर इस बारे में बकायता टाइप्ड इंफॉर्मेशन है ।

वायरल हो रहे लेटर में क्या है ?
सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है ।  RBI के तथाकथित लेटरहेड पर प्रकाशित सूचना के मुताबिक वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी (Demonetization) के दौरान बंद हुई करेंसी नोटों को बदलवाने के लिए सरकार की ओर से एक और मौका दिया जा रहा है । इसमें कहा जा रहा है कि नोटबंदी में बंद हुए पुराने नोटों को बदलवाने की समयसीमा बढ़ा दी गई है ।

यह सुविधा विदेशी पर्यटकों के लिए है । बता दें कि नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. बाद में 500 के नए नोट जारी किए गए, जबकि 1000 रुपये के नोट को बंद ही कर दिया गया ।

क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई ?
वर्ष 2016 में 8 नवंबर की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को संबोधित करते हुए नोटबंदी की घोषणा (PM Modi Announcement) की थी. Demonetization की घोषणा करते हुए उन्होंने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किए जाने की बात कही थी । इसके बाद लोगों को एक लंबे समय तक नोट बदलवाने का मौका दिया गया था । लेकिन यह समयसीमा खत्म हुए सालों हो गए हैं ।

RBI की वेबसाइट खंगालने पर नोट बदलवाने

की समयसीमा बढ़ाए जाने के बारे में कोई ​नोटिफिकेशन, गाइडलाइन या आदेश-निर्देश नहीं​ मिले । जिस तरह का लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा, वैसा कोई लेटर वेबसाइट पर मौजूद नहीं है । ऐसे में जाहिर है कि इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है ।

पीआईबी ने भी किया खंडन :
सरकारी सूचना एजेंसी पीआईबी यानी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो(PIB) की एक फैक्ट चेक टीम है, जो वायरल हो रही अफवाहों और फर्जी सूचनाओं के बारे में पड़ताल करती है और उस बारे में सरकार या सिस्टम से जानकारी लेकर सच्चाई बताती है ।

PIBFactCheck की टीम ने वायरल हो रही इस सूचना को फर्जी बताया है । पीआईबी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वायरल हो रही सूचना फेक है. यानी नोटबंदी में बंद हुए करेंसी नोटों को बदलवाने की समयसीमा नहीं बढ़ाई गई है । जहां तक विदेशी नागरिकों की बात है तो पीआईबी ने अपने ट्वीट में बताया है कि विदेशी नागरिकों के लिए भारतीय नोटों को बदलवाने की समयसीमा वर्ष 2017 में ही खत्म हो चुकी है ।

जाहिर है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा लेटर फर्जी है । देश में नोटबंदी इतिहास बन चुकी है और बंद हुए नोटों को बदलवाने की समयसीमा बढ़ाए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता ।

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