मध्यप्रदेश में अब तक सियासी सस्पेंस बना हुआ है, फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट में 19 मार्च को भी होगी सुनवाई

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नई दिल्ली, 18 मार्च 2020, 17.40 hrs : मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को सुप्रीम कोर्ट ने अब गुरुवार तक मामला टल दिया है । गुरुवार साढे दस बजे फिर सुनवाई होगी ।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश विधानसभा स्पीकर से पूछा कि आपने विधायकों के इस्तीफे पर अभी तक निर्णय क्यों नहीं लिया ? क्या ये विधायक अपने आप अयोग्य नहीं हो जाएंगे ? अगर आप संतुष्ट नहीं हैं, तो आप विधायकों के इस्तीफे को अस्वीकार कर सकते हैं । आपने 16 मार्च को बजट सत्र को टाल दिया है । अगर आप बजट को पास नहीं करेंगे, तो राज्य सरकार का कामकाज कैसे चलेगा ?

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही मुकुल रोहतगी ने कहा गया कि वो एजीआर के मामले में सुनवाई के लिए जाना चाहते हैं, जिसके बाद अदालत ने उनकी बात मान ली है । कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे की ओर से सुनवाई के दौरान 10th शेड्यूल लागू करने की मांग की गई जिस पर जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हम इसके अंतर्गत नहीं आते हैं । इसके बाद दुष्यंत दवे ने कहा कि विधायक इस तरह इस्तीफा नहीं दे सकते हैं, उन्हें जनता के बीच में जाना चाहिए ।

अदालत में मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना जवाब देने के लिए समय मांगा है । इसपर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जाहिर की ।

सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने इसे कांग्रेस की चाल बताई । उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट कहे तो वह सभी 16 विधायकों को पेश कर सकते हैं, इसपर अदालत ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है । सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि सरकार ने केवल छह विधायकों के इस्तीफे क्यों स्वीकार किए हैं । इसका जवाब देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि वे मंत्री हैं इसलिए इस्तीफा स्वीकार किया गया है । बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच कर रही है ।

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