1000 करोड़ के समाज कल्याण विभाग के घोटाले की जांच के लिए सीबीआई टीम गठित, याचिकाकर्ता से मांगे दस्तावेज केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के खिलाफ भी FIR दर्ज 

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रायपुर, 4 फरवरी 2020, 15.30 hrs : छत्तीसगढ़ के समाज कल्याण विभाग में संचालित काग़ज़ी NGO के गठन और एक हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले को लेकर सीबीआई ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है ।

सीबीआई जांच के अदालती निर्देश को अमली जामा पहनाते हुए आधा दर्जन अफसरों की टीम गठित किये जाने की जानकारी मिली है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को याचिकाकर्ता कुंदन सिंह और उसके वकील से मांगा गया है । यह भी जानकारी है कि दोनों के बयान दर्ज करवाने हेतु उन्हें हप्तेभर के भीतर उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया है । याचिकाकर्ता के दिल्ली में होने के चलते उन्हें उनके व्हाट्सएप नंबर पर नोटिस भेजा गया है । बताया जा रहा है कि सीबीआई प्रथम दृष्टया 14 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने पर विचार कर रही है । जानकारी के मुताबिक सीबीआई के अफसरों ने FIR को अंतिम रूप देने से पूर्व संदेही अफसरों की सुप्रीम कोर्ट दिल्ली और बिलासपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर भी गौर फ़रमाया है । बताया जा रहा है कि केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के खिलाफ भी FIR दर्ज करने को लेकर केंद्र सरकार को ड्रॉफ्ट भेजा गया है । इस पर क़ानूनी अभिमत भी मांगा गया है । रेणुका सिंह को FIR में नामजद किया जाएगा या नहीं इसके लिए अगले 24-36 घंटे काफी महत्वपूर्ण बताए जा रहे है ।

इधर पूर्व चीफ सेक्रेटरी विवेक ढांड समेत एक दर्जन अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज करने से पूर्व सीबीआई ने हाथ आये दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी है । सूत्रों के मुताबिक FIR दर्ज होने के तत्काल बाद आरोपी अफसरों की तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी । बल्कि उन अफसरों के बयान दर्ज कर सीबीआई उनकी भूमिका की पड़ताल करेगी । समाज कल्याण विभाग के गैर नामजद अफसरों के भी बयान लिए जाने के लिए उनके नाम और पदस्थापना संबंधी ब्यौरा जुटाने में सीबीआई कर्मी जुट गए है । सूत्र बता रहे है कि इस घोटाले की जांच की प्रगति से वाकिफ होने के अदालती निर्देशों को सीबीआई ने काफी गंभीरता से लिया है । इसके चलते दस्तावेजी प्रमाणों को जुटाने का कार्य शुरू हो गया है ।

उधर संदेही अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से फ़िलहाल कोई राहत नहीं मिलने से माना जा रहा है कि सीबीआई बिलासपुर हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत दी गई समय सीमा के भीतर ही FIR दर्ज करेगी । बताया जाता है कि याचिकाकर्ता कुंदन सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश कैविएट से संदेही अफसरों की परेशानी बढ़ गई है । कानून के जानकार बता रहे है कि याचिकाकर्ता के कैविएट दाखिल होने के बाद संदेही अफसरों को राहत मिल पाना उन्हें काफी कमजोर नजर आ रहा है । दरअसल भ्रष्ट्राचार की जांच से जुडी जनहित याचिकाओं को अदालत अंजाम तक पहुंचाने पर ज्यादा जोर देती है । इसलिए इस तरह के मामलों में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है ।

उधर घोटाले को लेकर अदालत से जारी निर्देशों की प्रतिलिपि ईडी के संज्ञान में लिए जाने की भी खबर है । बताया जाता है कि रायपुर स्थित ईडी कार्यालय ने भी घोटाले से जुड़े तथ्यों को भी संज्ञान में लिया है । दरअसल इंफोर्स्मेंट एक्ट के तहत 100 करोड़ से अधिक के लेन-देन पर ईडी को अपनी रिपोर्ट क़ानूनी तौर पर तैयार करनी होती है । इसलिए इस घोटाले पर ईडी की पैनी निगाहें लगी हुई है ।

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