सुप्रीम कोर्ट ने मुम्बई के आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने पर रोक लगाने के लिए लॉ स्टूडेंट की चिट्ठी पर संज्ञान लिया है । आज सुबह 10 बजे सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच में इस मामले की सुनवाई होगी ।
सुप्रीम कोर्ट में पर्यावरण संबंधी मामलों के लिए स्पेशल बेंच बनाई गई है जिसमें जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं । इससे पहले मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत दे दी थी । प्रदर्शनकारियों पर पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों के काम में बाधा डालने और उनपर हमला करने के आरोप लगाए गए हैं ।
पेड़ों की कटाई, मेट्रो शेड बनाने के लिए की गई है । इसीलिए उत्तर मुंबई के आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. द्वारा पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई और प्रदर्शनकारियों को शुक्रवार और शनिवार को गिरफ्तारी किया गया था । बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई नगर निकाय के पेड़ों को काटने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था ।
सत्र न्यायाधीश एचसी शिंदे ने इन शर्तों के साथ प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का आदेश दिया था कि वे सात हज़ार रुपये का निजी मुचलके साथ अश्वासन देंगे कि वे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे । रविवार को कोर्ट में छुट्टी होने के कारण प्रदर्शनकारियों की ठाणे जेल से रिहाई नही हो पाई थी ।
पुलिस ने शनिवार को आरे कॉलोनी में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसे रविवार को भी बढ़ा दी थी । 29 आवेदकों जिनमें ज़्यादातर छात्र हैं, की पैरवी कर रहे वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें जमानत दी जाए क्योंकि उनमें से कई छात्रों की सोमवार को परीक्षाएं शुरू हो रही है । वकील आदित्य बमबुलकर ने बताया कि क्योंकि कई आवेदक युवा छात्र हैं, इसलिए अदालत का विचार है उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत पर छोड़ा जा सकता है । उन्होंने बताया कि अदालत ने आवेदकों को निर्देश दिया है कि वे 15 दिन में एक बार बुधवार को शाम छह से नौ बजे के बीच थाने में पेश होंगे । लगभग 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 332 और 143 के तहत मामला दर्ज किया है ।