नई दिल्ली, 28 अगस्त 2020, 16.10 hrs : आज सुप्रीम कोर्ट ने देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रम की फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने के यूजीसी के गाइडलाइन्स पर अपनी मुहर लगा दी है । अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राज्य बिना विश्वविदयालय अनुदान आयोग के परीक्षाओं को रद्द नहीं कर सकते हैं ।
सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किया जा सकता । राज्यों को यूजीसी गाइडलाइन्स के मुताविक 30 सितंबर 2020 के पहले परीक्षाओं को आयोजित कराना होगा । शीर्ष अदालत ने कहा कि जो राज्य 30 सितंबर 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी ।
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक भूषण कि अध्यक्षता वाली खंडपीठ कर रही थी । पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह हैं । पीठ ने दोनों पक्षों के बहस और जिरह को सुनने के बाद 18 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए दोनों पक्षों को अपनी को दलीलें तीन दिन के अन्दर लिखित रूप में पेश करने का निर्देश दिया था ।