नई दिल्ली, 22 अगस्त 2020, 20.25 hrs : देश में कोरोना संक्रमित मरीज़ का आंकड़ा रोज़ाना 60 हजार पार हो रहा हैं । इसे देखते हुए अभी दोबारा स्कूल खोले जाना मुश्किल ही है ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे । इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का विकल्प ही जारी रहेगा ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने स्कूली छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं जो, इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करने का काम करेंगे । ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं । पहला, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन नहीं है । दूसरा जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं । तीसरा, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं ।
जहां छात्रों को घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा मिल रही है, वहां यह तरीका जारी रहेगा । जिनके पास ऑनलाइन साधन उपलब्ध नहीं है, उन्हें अन्य वैकल्पिक माध्यमों से शिक्षा प्रदान की जाएगी । ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘दिशानिर्देश स्कूल के साथ काम करने वाले समुदाय पर जोर देते हैं, ताकि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चे अपने दरवाजे पर शिक्षण सामग्री जैसे वर्कबुक, वर्कशीट आदि प्राप्त कर सकें । यह सामुदायिक केंद्र में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी मानदंडों को बनाए रखने के द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने का भी सुझाव देता है ।’
ये दिशानिर्देश समुदाय केंद्र और पंचायती राज के सदस्यों की मदद से सामुदायिक केंद्र में एक हेल्पलाइन स्थापित करने की भी बात करते हैं । यह माता-पिता के उन्मुखीकरण की सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चों के सीखने में सहायता और भाग लें ।
तीनों स्थितियों में वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के उपयोग और आरोपण का सुझाव दिया जाता है । दिशानिर्देश, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में डिजिटल संसाधनों की पहुंच पर एनसीईआरटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है । राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए सतत शिक्षण योजना के लिए भी तैयार है ।