रायपुर. छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण लागू कर दिया ।
राज्यपाल के नाम से जारी आदेश का प्रकाशन छत्तीसगढ़ के राजपत्र में कल 22 अक्टूबर 2019 को किया गया जिसमें कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 और 335, सहपठित अनुच्छेद 309 के द्वारा प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पदोन्नति में आरक्षण दिया गया है साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम 2003 में संशोधन किया गया है ।
छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित हुए आदेश की प्राप्त कॉपी से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम 2003 में जो संशोधन किया गया है, उसके अनुसार, नियम 5 को संशोधित करते हुए कहा गया है कि 5 पदोन्नति में आरक्षण अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजाति से संबंधित शासकीय सेवकों के लिए पदोन्नति में आरक्षण निम्नानुसार होगा :
पहले नियम के अनुसार, जब वरिष्ठता सह उपयुक्तता अर्थात सिनियरटी सब्जेक्ट टू फिटनेस के आधार पर उपयुक्तता सूची बनाई जानी हो, उसमें इस नियम का प्रयोग किया जाएगा ।
नियम के अनुसार, पदो का वर्गीकरण करते हुए कहा गया है कि द्वितीय श्रेणी के पदों पर, द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत पदों पर तथा द्वितीय श्रेणी से प्रथम श्रेणी के पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाएगा ।
दूसरे नियम में तृतीय श्रेणी के पदों पर, अथवा तृतीय श्रेणी के अंतर्गत पदों पर तथा चतुर्थ श्रेणी के अंतर्गत पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाएगा ।
एक अन्य नियम के मुताबिक जब योग्यता सह वरिष्ठता मेरिट कम सिनियरिटी के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी तब प्रथम श्रेणी के पदों से प्रथम श्रेणी के उच्च वेतनमान के पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाएगा ।
इसे सरल तरीके से समझें – यदि 40 पदों पर पदोन्नति होनी है तो हर दूसरा पद अनुसूचित जनजाति के लिए तथा चौथा पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होगा ।