रेन वाटर हार्वेस्टिंग होगा अनिवार्य नगरों की स्वच्छता में प्रषासन के साथ-साथ आम लोगो का भी दायित्व – मोहन मरकाम

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आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग होगा अनिवार्य नगरों की स्वच्छता में प्रषासन के साथ-साथ आम लोगो का भी दायित्व – मोहन मरकाम ।

कोण्डागांव | छत्तीसगढ़ की जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी प्रारंभ किया गया है, जिसके चतुर्थ कड़ी का प्रसारण आज नगरपालिका परिसर के प्रागंण में रविवार को किया गया । इस अवसर पर विधायक श्री मोहन मरकाम, अध्यक्ष जिला पंचायत श्री देवचंद मातलाम, उपाध्यक्ष श्री रवि घोष तथा उपाध्यक्ष नगरपालिका मनीष श्रीवास्तव, कलेक्टर श्री नीलकंठ टीकाम,पार्षदगण, वरिष्ठ गणमान्य नागरिक सहित नगरवासी उपस्थित थे ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘लोकवाणी’ के चैथे प्रसारण में ’नगरीय विकास का नया दौर’ विषय पर प्रदेश की जनता के सवालों का जवाब दिया तथा नगरीय क्षेत्रों में शासन द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी । मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि शहरों का नियोजित विकास, उत्साह से भरपूर और खुशनुमा वातावरण का निर्माण हमारी प्राथमिकता है ।

नगरीय क्षेत्रों में वर्षा जल संचय और नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने अनेक योजनाओं संचालित है । पेयजल और नगर की बसाहट बुनियादी जरूरतें हैं और भू-जल स्तर का गिरना चिंता का विषय है और इसका सबसे बड़ा कारण हमारे शहरों का विकास, सीमेंट कांक्रीट के जंगल की तरह किया जाना है । शहरों के बहुत से हिस्से, घरों, व्यवसायिक भवनों, सड़कों आदि के कारण इतने ठोस हो गए हैं कि बरसात का पानी भी जमीन के भीतर नहीं जा पाता । भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि सतह का पानी रिस-रिसकर जमीन के भीतर जाए । ऐसे निर्माण कार्यों की वजह से हमारी जमीन की रिचार्जिंग क्षमता कम होती गई और भू-जल स्तर गिरते-गिरते अब खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है ।

हमारी सरकार ने नियमों में संशोधन करके अब प्रत्येक आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है । पूर्व में निर्मित भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गई है । छह प्रकार की रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई है और सैकड़ों एजेन्सियों तथा स्व-सहायता समूहों को आगे किया गया है कि वे एक माह के भीतर सभी जगह रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करें । हम चाहते हैं नए भवनों में बिजली कनेक्शन भी तभी दिया जाए, जब रेन वाटर हार्वेस्टिंग की यूनिट वहां लगा दी जाए।

उन्होंने जल संरक्षण हेतु शासन की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सरकार बनते ही 212 करोड़ रू. लागत से रायपुर शहर वृहद पेयजल आवर्धन योजना की शुरूआत कर दी गई है। घरेलू पेयजल कनेक्शन से वंचित बीपीएल परिवारों के लिए ‘मिनीमाता अमृतधारा नल योजना’ शुरू की गई है। फिल्टर प्लांट के माध्यम से पैकेज्ड वाटर अर्थात सीलबंद पानी उपलब्ध कराने के लिए ‘राजीव गांधी सर्वजल योजना’ शुरू की गई है। आपदाग्रस्त स्थानों अर्थात जहां भू-जल प्रदूषित है, वहां सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री चलित संयंत्र पेयजल योजना’ शुरू कर दी गई है। चंदखुरी, जिला दुर्ग में ‘समूह पेयजल योजना’ के माध्यम से समस्या का समाधान किया जा रहा है।

सुपेबेड़ा में तेलनदी का जल शुद्ध करने के लिए ‘सुपेबेड़ा जल योजना’ शुरू की गई है । सरकार बनते ही रायगढ़ तथा जगदलपुर शहर सिवरेज मास्टर प्लांट को मंजूरी दी गई है, जिससे नदियों में मिल रहे नाले-नालियों के दूषित जल का शुद्धिकरण किया जा सके । इसके साथ ही उन्होंने शहरी स्वच्छता के मामले में आमजनों की भागीदारी की भी अपील की । इसी प्रकार नगरीय निकायों के चुनाव के प्रक्रिया के संबंध में बताया कि इन चुनावो के माध्यम से युवाओं को नई जिम्मेदारी एवं नए मौके दिए जायेंगे । ताकि नगरीय विकास को एक नई दिशा दी जा सके । इसके अलावा नगरीय निकायों के राजस्व में वृद्धि के भी प्रयास किए जा रहे है इसके तहत नगरो के अंतर्गत आने वालो तालाबो की आर्थिक उपयोगिता को बढ़ाने के लिए उन्हें मछुआ सहकारी समितियो को दायित्व दिया जायेगा । ताकि मत्स्य पालन के साथ-साथ उसका रखरखाव भी हो सके साथ ही इससे मछुआरो की आय भी बढ़ेगी और नगरीय निकायो को राजस्व भी मिलेगा । उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में नगरीय-निकायों द्वारा निर्मित दुकानों के किराये में कमी की गई है ताकि स्वरोजगारी युवाओं को मदद मिले और वे अन्य लोगों को रोजगार दे सके । जमीन की गाइड लाइन दर में 30 प्रतिशत की कमी की गई और छोटे भूखंडांे के क्रय-विक्रय से रोक हटाई, जिसके कारण लगभग एक लाख सौदे हुये । इसी प्रकार गुमास्ता लायसेंस के वार्षिक नवीनीकरण में छूट देने से कारोबारियों का उत्साह बढ़ा है ।

रेडियो वार्ता में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जानकारी दी कि नगरीय-निकायों में ‘पौनी-पसारी’ बाजार व्यवस्था का संरक्षण तथा संवर्धन करने का निर्णय लिया गया है । प्रदेश में ‘मोर जमीन-मोर मकान योजना’ के तहत 11 महीने में 40 हजार मकान बन गए हैं । राजीव गांधी आश्रय योजना अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को उनके नाम से पट्टा मिलेगा एवं नियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी और वर्ष 2022 तक सभी आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा । साथ ही बीमार लोगों, कुपोषित माताओं, बहनों, बच्चों तक पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य केन्द्रों की शुरूआत की गई है ।

अंत में उन्होंने विगत् दिवस सम्पन्न राज्योत्सव के बारे में बताया कि छत्तीसगढ़िया कलाकारों की प्रतिभा ने यह साबित कर दिया है कि उनके कार्यक्रम किसी मनोरंजन जगत के किसी महानहस्ती के कार्यक्रम से कम नहीं है और छत्तीसगढ़ के महान जनकवि डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित ‘अरपा-पैरी के धार-महानदी हे अपार….’ के गीत को राज्य गीत का दर्जा दे दिया गया है । इस क्रम में आगामी 8 दिसम्बर को लोकवाणी का कार्यक्रम ’आदिवासी विकास: हमारी आस’ विषय पर रहेगा । रेडियावार्ता के समापन पर विधायक श्री मोहन मरकाम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नगरो में जल संरक्षण, साफ-सफाई, रोजगार इत्यादि आदि विषय पर किए गए संबोधन पर सभी लोगो को अवश्य विचार करना चाहिए ।

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