रायपुर, 28 नवंबर 2020, 13.05 hrs : पूर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की 27 करोड़ से अधिक की संपत्ति ईडी ने अटैच कर ली है । इंफोर्समेंट डायरेक्ट ने यह कार्रवाई मनी लॉंर्डिंग एक्ट के तहत की है जिनमें कोई लोकसेवक आपराधिक काम करता है, और बेईमानी करता है ।
अटैच संपत्तियों में बाबूलाल अग्रवाल और उसके परिवार के कारखाने, मशीनें, बैंक खाते, और अचल संपत्तियां शामिल हैं ।
ईडी ने बाबूलाल अग्रवाल और उसके परिवार की अनुपातहीन संपत्तियों को लेकर एक एफआईआर तब दर्ज की थी जब फरवरी 2010 में इंकम टैक्स ने बाबूलाल अग्रवाल और उसके सीए सुनील अग्रवाल पर छापे मारे थे । फ़िर सीबीआई ने भी बाबूलाल अग्रवाल एवं अन्य पर कार्रवाई की थी । इन सबमें कई तरह की गंभीर धाराओं में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कई एफआईआर दर्ज हुई थीं ।
ईडी के अनुसार, बाबूलाल अग्रवाल ने अपने सीए सुनील अग्रवाल और भाई अशोक अग्रवाल, पवन अग्रवाल के साथ मिलकर खरोरा के मासूम ग्रामीणों के नाम पर चार सौ से अधिक बैंक खाते खोले थे । इन खातों में नगदी रकम जमा की गई थी । इस नगद रकम को सीए सुनील अग्रवाल द्वारा नियंत्रित 13 फर्जी कंपनियों में इस्तेमाल किया गया । इसके लिए दिल्ली और कलकत्ता में बनाई गई ऐसी 26 फर्जी कंपनियों का भी उपयोग हुआ और बाबूलाल अग्रवाल के परिवार की प्राइम इस्पात लिमिटेड का भी इस्तेमाल हुआ ।
गरीब ग्रामीणों के नाम पर जमा की गई दो नंबर की रकम को इन कंपनियों में डायवर्ट किया गया । इन सब में से ईडी ने प्राइम इस्पात लिमिटेड की 35.49 करोड़ की संपत्ति 2017 में ही अटैच कर दी थी । अब अतिरिक्त, 26 करोड़ की प्लांट-मशीनरी अटैच की गई हैं । इसके अलावा 291 बैंक खातों में पड़ी 20 लाख से अधिक की रकम भी अटैच की गई है । बाबूलाल अग्रवाल के परिवार की एक और कंपनी, एक्सप्रेस माइनिंग प्रा.लि. का एक 39 लाख का रिहायशी प्लाट भी अटैच किया गया है । आयकर विभाग ने अपने छापे में जितनी नगदी और दो किलो सोना बरामद किया था उसे भी ईडी ने अटैच कर लिया है ।
9 नवंबर को ईडी ने बाबूलाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया था जिसे विशेष अदालत ने 5 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है । इस बीच ईडी की जांच आगे जारी है ।