महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया । मोदी कैबिनेट की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने आज शाम मुहर लगा दी ।
महाराष्ट्र के राजनीतिक उठापटक के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी ।
प्रधानमंत्री मोदी के ब्राज़ील रवाना होने के पहले, कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दी और सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति के पास भेज दिया । उधर, राष्ट्रपति शासन लगने से पहले ही शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची । काँग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के इशारे पर राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है ।
ज्ञात हो कि विधानसभा भंग नहीं हुई है । राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी, अभी भी, 6 माह के भीतर, बहुमत के साथ, कोई भी पार्टी सरकार बनाने का दावा कर सकती है ।
काँग्रेस और शिवसेना पहली बार एक साथ आये हैं, इसलिए काँग्रेस बहुत धीरे और सोच समझ कर कदम उठा रही है । वैसे शिवसेना ने जो बीजेपी के गठबंधन से हाथ खींचा है इसलिए वापस उन दोनों का मिलना सम्भव नहीं दिखता । अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि काँग्रेस चाहती क्या है ? वैचारिक विरोध के बावजूद दोनों में, किन बातों पर सहमति बन सकती है । एक बात यह भी है कि पिछले 4-5 सालों से शिवसेना, काँग्रेस को लेकर काफी सॉफ्ट हुई है ।