बारिश शुरू होते ही, बिजली गुल । लगभग दो/तीन माह से नया डेवलोपमेन्ट हुआ बिजली विभाग में । काँग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश…!

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रायपुर, 17 मई 2020, 00.35 hrs : 2018 में काँग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी और वादे के मुताबिक बिजली बिल आधा होने के साथ साथ बिजली कटौती की परेशानी से निजात मिल रही थी ।

काँग्रेस सरकार बनने के लगभग डेढ़ साल तक सब ठीक रहा । किंतु अचानक पिछले 2/3 माह से बिजली बिलों अचानक बढ़ोतरी की दिक्क़तें आ रही है, जिसे कोरोना वायरस के लॉक डाउन से, एक साथ bill आना बताया जा रहा है और उपभोक्ताओं को, इस समस्या को दूर करने के लिए इस लॉक डाउन में भी बिजली दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं ।

दूसरी सबसे बड़ी समस्या है बादल गरजते ही, लम्बे समय तक बिजली की कटौती । पिछले डेढ़ साल में बड़ी आंधी तूफान के बाद भी बिजली की कटौती नहीं होती थी । पर अचानक 2/3 माह से ही हल्की सी हवा चलने पर, लम्बे समय के लिये बिजली बार बार गुल हो जाती है । इस गर्मी में वैसे ही लोग परेशान रहते हैं ।

ये समस्याएं तो बीजेपी शासन काल मे होती थीं । बिजली विभाग के बड़े अधिकारी, जानबूझकर काँग्रेस शासन के विरुद्ध, सरकार को बदनाम करने की कोई साजिश तो नहीं कर रहे । ये खोज का विषय तो ज़रूर है ।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस गर्मी में कोरोना वायरस के चलते सभी सरकारी/गैर सरकारी संस्थान बन्द रहे या अब जब दफ्तरों में काम शुरू हो भी गए हैं तो भी कूलर और एसी, सब बंद हैं । तब बिजली की खपत भी करीब 60% से 70% कम हो गई है । फ़िर इस कटौती को बिजली उत्पादन की कमी से जोड़ कर तो देखा नहीं जा सकता ।

बिजली विभाग द्वारा ये बेतुका एक्सक्यूज़ दिया जाता है कि बरसात में पावर कट इसलिये किया जाता है कि कोई दुर्घटना ना हो जाये । इस तरह के बहाने बीजेपी शासन में ही चलता था । काँग्रेस सरकार सब जानती समझती है । कुछ समय इसे सहन करेगी वर्तमान सरकार । फ़िर सीधा करना भी जानती है । गर्मी में अभी जब ये हाल है तो बरसात में तो “ईश्वर ही मालिक है” ।

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