छत्तीसगढ़ के आदिवासियों पर 13 वर्ष पूर्व किये गए फर्जी केस बंद करने की समीक्षा की गई

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रायपुर, 8 मार्च 2020, 22.10 hrs : छत्तीसगढ़ के न्यू सर्किट हाउस में आदिवासियों पर फर्जी केस बंद करने की समीक्षा की गई ।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 8 जिले, जिनमे बस्तर संभाग के 7 जिले शामिल हैं, आदिवासियों पर फर्जी केस बनाकर, पिछले 13 से 14 वर्षों तक उन्हें जेलों में बंद कर रखा गया है । इस पर समीक्षा करने के लिए उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के रिटायर्ड न्यायाधीश एके पटनायक के नेतृत्व में एक कमेटी सरकार द्वारा बनाई गई है । इस कमेटी की बैठक 7 मार्च को शनिवार और आज 8 मार्च रविवार को संपन्न हुई । बैठक में आदिवासियों के 91 प्रकरण वापस लेने की अनुशंसा छत्तीसगढ़ सरकार से की गई । इसके अलावा, 81 प्रकरणों पर उसका न्यायालय से जल्द से जल्द निराकरण करने का सुझाव सरकार को दिया गया । बैठक में 62 प्रकरणों को वापसी योग्य नहीं माना गया । आज की बैठक में कुल 234 प्रकरणों पर विचार किया गया ।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2019 में इसी कमेटी ने रायपुर में बैठक कर 313 प्रकरण जो आदिवासियों पर, फर्जी तरीके से बनाए गए थे उन्हें वापस लेने की अनुशंसा सरकार से की गई थी ।

आज की इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रह सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ डीएम अवस्थी, एडी गौतम, सचिव गृह विभाग डीडी सिंह, सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग संजय पिल्ले, जेल महा निर्देशक अमृत खलखो, कमिश्नर बस्तर विवेक रंजन तिवारी, अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रदीप गुप्ता, आई जी सीआईडी सुंदर राज पी, आईजी बस्तर संभाग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।

ज्ञात हो कि पिछले 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर फर्जी मामले बनाकर उन्हें जेलों में वर्षो से बंद रखा गया है जिसको लेकर आदिवासियों में गंभीर नाराजगी थी । इस नाराज़गी को दूर करने का प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है ।

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