राजस्थान, 12 जुलाई 2020, 20.00 hrs : राजस्थान में राजनीतिक संकट जारी है । मध्यप्रदेश में सिंधिया के नक्शे कदम पर जा रहे हैं राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ।
2018 में 3 राज्यों में काँग्रेस की सरकार बनी जिनमे मध्यप्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद को लेकर शुरू से ही खींचातानी चल रही है । छत्तीसगढ़ में काँग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने । यहाँ मुख्यमंत्री की दौड़ में 4 नेता लगे थे जिन्हें तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने समझा कर बघेल पर सहमति बनाई थी । छत्तीसगढ़ में बीजेपी की 15 सीटों के जवाब में काँग्रेस को 68 सीट मिले थे इसलिए यहां, मध्यप्रदेश और राजस्थान के जैसी कठिन स्थिति नहीं थी ।
अब मध्यप्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराज़गी को आलाकमान ने कुछ समय के लिए सम्हाले रखा कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष या राज्यसभा सांसद बनाया जा सकता है । पर ये डेढ़ साल तक हो ना सका । धीरे धीरे सिंधिया की नाराज़गी ने अपना रूप दिखया और सिंधिया ने बीजेपी से सांठगांठ कर मध्यप्रदेश की कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया ।
अब यही कहानी राजस्थान में भी दोहराई जा रही है । समय समय पर मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच तनातनी की चर्चा उभर रही थी जो अब खुल कर सामने आ रही है । इस का फ़ायदा बीजेपी ने राजस्थान में भी उठाने की कोशिश करना शुरू कर दी है । अभी कुछ दिन पहले ही बीजेपी के दो नेताओं द्वारा काँग्रेस विधायकों की खरीदफरोख्त की बात सामने आई ।
पर अचानक राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कुछ विधायक दिल्ली पहुंचने से राजस्थान की सरकार पर संकट के बादल घिरने की चर्चा चल रही है । वहीं काँग्रेस में इस संकट से निपटने की राह निकालने बैठकों का सिलसिला चल रहा है । रात 9 बजे जयपुर में काँग्रेस नेताओं की बैठक होगी जिसमें दिल्ली से अजय माकन और सुरजेवाला उपस्थित रहेंगे तो कल सोमवार को सुबह 10.30 दिल्ली में आलाकमान बैठक बुलाई है ।
अब सबकी नज़र राजस्थान सरकार पर है । वैसे ये तय है कि सचिन पायलट के पास इतने विधायक नहीं हैं जिससे वो सरकार में उथलपुथल तो मचा सकें ।