रायपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट ने बिल्डर और व्यवसायी विमल जैन, उनके दोनों सुपुत्र वैभव जैन और वरूण जैन के विरुद्ध सुनवाई करते हुए माना है कि उन्होंने याचिकाकर्ता अर्जुन दास वासवानी तथा अनिल नचरानी के साथ धोखाधड़ी की है । इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों की गिरफतारी तेज कर दी है । हालांकि विमल जैन को परिवार सहित फरार बताया जा रहा है ।
जैन परिवार द्वारा की गई धोखाधड़ी का शिकार, रविभवन के व्यवसायी अर्जुन दास वासवानी तथा अनिल नचरानी स्व. एमपी नचरानी हुए हैं । इस संबंध में एक एफआईआर, विगत 14 जून 2016 तथा 8 अक्टूबर 2017 को तेलीबांधा थाने में भादवि की धारा 420, 34 के तहत तथा गोल बाजार थाने में दर्ज हुई थी । पीड़ित व्यवसायी अर्जुन दास वासवानी तथा अनिल नचरानी ने आरोप लगाया है कि बिल्डर और व्यवसायी विमल जैन, उनके दोनों पुत्र वैभव जैन और वरूण जैन ने प्रापटी बेचकर उनके साथ धोखाधड़ी की । मामला रविभवन में दुकानों की खरीद—बिक्री से जुड़ा है और लगभग तीन करोड़ की धोखाधड़ी का बताया जा रहा है ।
ज्ञात हो कि जैन परिवार पर शहर के सैकड़ों लोगों ने आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए अलग अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई है । आरोपी, पहले भी, एक मामले में 14 दिन की जेल काट चुके हैं । और अब फिर से जेल जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं । HC के फैसले के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने गई पर आरोपी पहले ही फरार हो चुके थे ।
शहर के संभ्रांत परिवार में जाने वाले विमल जैन परिवार के खिलाफ जब लोगों ने ठगी की शिकायकतें करनी शुरू की तो पहले पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विमलजैन के खिलाफ तेलीबांधा में दो और गोल बाजार में थाने में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया । साथ ही विमल जैन पर दुर्ग और बिलासपुर में भी मामला दर्ज होने के साथ पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भी धोखधड़ी करने की शिकायत मिली है ।