राजनांदगांव, 14 अप्रैल 2020, 17.25 hrs : लॉकडाउन के दौरान राजनांदगांव के सरकारी शराब दुकानों के संचालन को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हुए आबकारी विभाग के एक पत्र को कलेक्टर जेपी मौर्य ने फर्जी माना है ।
कलेक्टर ने मामले की जांच करने का निर्देश दिया है । कलेक्टर ने कहा कि प्रारंभिक रूप से पत्र फर्जी दिख रहा है । इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी ।
13 अप्रैल को कथित रूप से सहायक आयुक्त आबकारी के स्थानीय कार्यालय से जारी पत्र में कलेक्टर को पत्र लिखा गया है । मदिरा दुकानों के संचालन की संभावना व्यक्त करते हुए जिले के 16 देशी और 12 विदेशी शराब दुकानों में अनुविभागीय अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग और खैरागढ़ वन मंडल को बेरिकेटिंग लगाए जाने का आदेश जारी करने का आग्रह किया गया है ।
पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य सरकार द्वारा शराब दुकानों के संचालन के लिए समिति का गठन किए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने वाली याचिकाकर्ता ममता शर्मा ने हाईकोर्ट की अवमानना करार देते हुए सहायक आबकारी आयुक्त राजनांदगांव को तत्काल निलंबित करने की मांग की है । उन्होंने हाईकोर्ट में पीटिशन दायर कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है । इस संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त नीतू नोतानी ठाकुर ने पत्र को फर्जी करार दिया है ।
यह पत्र रायपुर की एक सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था । उनकी एक याचिका पर अभी हाईकोर्ट ने आबकारी-निगम के एक आदेश को शून्य करार दिया है । उन्होंने इस पत्र को पोस्ट करते हुए कहा है कि इसे जारी करने वाले/वाली अफसर को अदालत की अवमानना का दोषी माना जाए और कार्रवाई की जाए ।
लेकिन कलेक्टर के कथन के बाद अब यह मामला और रहस्यमय हो गया है। दूसरी तरफ ऐसा पता लगा है कि दुर्ग जिले में वहां के आबकारी विभाग का लिखा हुआ एक ऐसा पत्र सामने आया है और दुर्ग में शराब दुकानों के सामने बैरिकेड लगाने की तस्वीरें भी सामने आई हैं जो कि दुकानों के शुरू होने की तैयारी मानी जा रही हैं