शिक्षा जगत में अति । सरकारी निर्देशानुसार कर्मचारियों की सैलरी नहीं रोकी जाएगी । अब निजी स्कूल देंगें प्रमाण पत्र कि उन्होंने पालकों से नहीं मांगी है फीस । बिना फीस सैलरी कैसी ?

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रायपुर, 22 अप्रैल 2020, 21.05 : स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों से प्रमाण पत्र लेने के दिए निर्देश ।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित सभी निजी स्कूलों को लॉकडाउन अवधि में अध्ययनरत विद्यार्थियों से फीस वसूली हेतु अनावश्यक दबाव नहीं बनाने के निर्देश दिए गए हैं । स्कूल शिक्षा विभाग ने अब सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी निजी स्कूलों से यह प्रमाण पत्र लिया जाए कि शाला प्रबंधकों के द्वारा पालकों से फीस नहीं मांगी गई है ।

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, कोरोना लॉक डाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी की सैलरी रोकी नहीं जाएगी वही दूसरी ओर यह भी आदेश है कि बच्चों से फीस ना ली जाए ! सोचनीय है कि बिना फीस के सैलरी कैसे दी जाएगी ? इस संदर्भ में शिक्षा विभाग को स्कूल संचालकों से विस्तार से चर्चा कर समाधान निकाला चाहिए । ये तो सीधे-सीधे मनमानी है । पलकों के साथ साथ संचालकों की परेशानी और दुविधा पर चिंतन करना होगा । इस पर स्कूल फेस में कम से कम कुछ प्रतिशत की कटौती कर बाकी राशि ली जा सकती है । एकतरफ़ा निर्णय घातक हो सकता है ।

गौरतलब है कि लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश राज्य शासन द्वारा दिए गए हैं, जिससे पालकों और बच्चों को अनावश्यक परेशानी न हो । परंतु कई निजी शालाओं द्वारा लॉकडाउन की अवधि में भी स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातर भेजे जा रहे है ।

इस पर कड़ा रूख अपनाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अब सभी निजी स्कूलों से यह प्रमाण पत्र मांगा है कि शाला प्रबंधकों के द्वारा पालकों से फीस नहीं मांगी गई है । संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि संचालनालय को कल शाम तक इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।

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