मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से 16 सीटें ऐसी हैं जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा से राज्यसभा सांसद बने ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल इलाकों में हैं ।
इन 16 सीटों में से भी 9 सीटें गुर्जर बाहुल्य है । अब सिंधिया को, उन्हीं के गढ़ में मात देने के लिए कांग्रेस में उच्च स्तर पर रणनीति तैयार की गई है । इन 9 गुर्जर बाहुल्य सीटों पर, प्रचार के लिए राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बनाई गई है । इन 9 सीटों में कुछ सीटें ऐसी भी हैं जो राजस्थान के जिलों से सटी हैं । ऐसे में पायलट का इन सीटों पर प्रचार करने से भाजपा और सिंधिया की परेशानी बढ़ सकती है ।
कमलनाथ ने भी पायलट की मांग :
पार्टी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस आलाकमान से सिंधिया के प्रभाव वाली सीटों पर पायलट को प्रचार में भेजने का आग्रह किया है । कमलनाथ के आग्रह के बाद राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने भी सचिन पायलट से इस संबंध में बात की है ।
सिंधिया-पायलट होंगे आमने-सामने :
वैसे, सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया बहुत ही करीबी मित्र हैं । दोनों ही नेता, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भी बेहद करीबी लोगों में भी शामिल रहे हैं । ये अलग बात है कि मध्य प्रदेश में पार्टी से बगावत कर सिंधिया, कमलनाथ सरकार गिराकर, भाजपा में शामिल होकर राज्यसभा सांसद बने थे ।
अब मध्य प्रदेश उपचुनाव में दोनों ही नेता प्रचार के दौरान आमने-सामने होंगे । जब राजस्थान में सचिन पायलट ने पार्टी से बगावत की थी तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पायलट के समर्थन में कई ट्वीट किए थे ।