काँग्रेस के योजना और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लागू किये गए कर्जमाफी और 2500 रुपए में धान खरीदी आटोमोबाइल सेक्टर के लिए साबित बनी संजीवनी

Spread the love

काँग्रेस सरकार में वर्ष 2019 की पहली छमाही में दुर्ग जिले में बिके 15 फीसदी अधिक वाहन जो 2018 कि पहली छमाही की बिक्री को मात दे रहे । यही हाल पूरे प्रदेश में भी है जिससे किसान और व्यापारी वर्ग में खुशहाली चाय हुई है ।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा पद ग्रहण करने के बाद कर्जमाफी और किसानों को 2500 रुपए में धान का बोनस देने की घोषणा आज कारोबारी जगत के लिए भी वरदान साबित हो रहे हैं ।

पूरे देश में बेहद मंदी का सामना कर रहे आटोमोबाइल सेक्टर साबित हो चुके हैं और प्रदेश के आरटीओ, दुर्ग के आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं । वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में आटोमोबाइल सेक्टर में खरीदी का अंतर देखे तो कर्जमाफी और 2500 रुपए में धान खरीदी से आया अंतर स्पष्ट नजर आता है । वर्ष 2018 में जनवरी से जून तक जिले में 18 हजार 272 वाहन बिके थे जबकि इसी अवधि में वर्ष 2019 में 21034 वाहन बिके । यह लगभग 15 प्रतिशत का फर्क है जो दुर्ग जिले में आटोमोबाइल सेक्टर में दर्ज किया गया जबकि देश के दूसरे राज्यों में बिक्री के आंकड़े सामान्यतः अच्छे नहीं थे । वर्ष 2018 में जनवरी से जून तक छह महीनों में 16 हजार 554 मोटरसाइकल- स्कूटर बिके जबकि वर्ष 2019 में लगभग 20 हजार 95 मोटरसाइकिल-स्कूटर बिके। ट्रैक्टर की बिक्री में भी यह अंतर लक्षित किया जा सकता है । वर्ष 2018 में जनवरी से जून तक की अवधि में 397 ट्रैक्टर बिके जबकि वर्ष 2019 में इस अवधि में 689 ट्रैक्टर बिके। ट्रेलर की बात करें तो 146 ट्रेलर वर्ष 2018 में जनवरी से जून माह की अवधि में बिके जबकि इसी अवधि में वर्ष 2019 में 169 ट्रेलर बिके ।

 

तेजी से चढ़ता गया कर्जमाफी के बाद बिक्री का ग्राफ :

जनवरी माह से इसकी शुरूआत करें । आरटीओ अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2018 के जनवरी माह में जब मार्केट देश भर में अपेक्षाकृत अच्छी स्थिति में था तब दुर्ग जिले में 3050 मोटरसाइकल-स्कूटर बिके और जनवरी में 3884 मोटरसाइकिल की बिक्री हुई । 2018 में इस अवधि में 91 ट्रैक्टर बिके थे तो 2019 में 159 ट्रैक्टर बिके । फरवरी 2018 में जहां 72 ट्रैक्टर बिके थे और इस वर्ष, फरवरी 2019 में 122 ट्रैक्टर बिके । 2018 में फरवरी में जहां 2592 मोटरसाइकल-स्कूटर बिके थे, वहीं 2019 के फरवरी माह में यह संख्या 3685 हो गई । मार्च 2018 में 74 ट्रेक्टर और 2805 मोटर साइकल-स्कूटर बिके, वहीं मार्च 2019 में 116 ट्रैक्टर और 3503 मोटर साइकल-स्कूटर बेचे गए । इसी तरह अप्रैल 2018 में जहां केवल 35 ट्रैक्टर बिके थे, वहीं अप्रैल 2019 में 108 ट्रैक्टर बिके । अप्रैल 2018 में जहां 2667 मोटर साइकल-स्कूटर बिके थे पर अप्रैल 2019 में 3373 मोटर साइकल-स्कूटर बिके । मई 2018 में जहां 49 ट्रैक्टर और 2695 मोटर साइकल-स्कूटर बिके, वहीं मई 2019 में 107 ट्रैक्टर और 2948 मोटर साइकल-स्कूटर की बिक्री हुई है ।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती से पुख्ता होती है शहरी अर्थव्यवस्था :

कर्जमाफी और धानखरीदी के 2500 रुपए देने से किसानों के पास पूंजी आई । अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने के पीछे उत्पादकों को मिलने वाला संतोषजनक प्रतिफल बड़ा कारण होता है । इससे शहरी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है और अर्थव्यवस्था में मंदी का चक्र पूरी तरह से टूट जाता है । छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों ने ऐसे समय में आटोमोबाइल बाजार को संकट से बचाया जब देश भर में कमजोर मांग के चलते यह सेक्टर टूटन का शिकार हो रहा था ।

ट्रैक्टर, ट्रेलर की बिक्री बढ़ी, आधुनिक खेती की ओर किसानों को बढ़ाने का संकल्प हो रहा पूरा

इस साल ट्रैक्टर, ट्रेलर काफी संख्या में बिके । यह खेती-किसानी को आधुनिक दिशा में बढ़ाने के राज्य सरकार के संकल्प के अनुरूप है । ट्रैक्टर-ट्रेलर के साथ ही कृषि यंत्रों की खरीदारी की दिशा में बाजार गुलजार हुआ ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *