रायपुर वन मंडल में पौधा लगाने के नाम पर बड़ी गड़बड़ी हुई उजागर, पहले भी लगभग 32 करोड़ रूपये की गड़बड़ी का हुआ था खुलासा…

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रायपुर, 29 जुलाई 2020, 17.45 hrs : छत्तीसगढ़ के वन विभाग ने जामुन और नीम का एक पौधा लगाने में 5000 रुपये तक खर्च कर दिया है । जबकि इसी जामुन और नीम का पौधा 16 रुपये में भी लगाया गया है ।

हैरान करने वाला खुलासा यह भी है कि सैकड़ों ऐसे पौधे भी लगाए गए, जिसका खर्च 2500 प्रति पौधे से ऊपर है, लेकिन यह बहुमूल्य पौधा किस प्रजाति का है, यह खुद वन विभाग को ही नहीं पता ।

रायपुर वन मंडल में पौधा लगाने के नाम पर क्या क्या खेल हुए हैं, उसे समझने के लिए मिले दस्तावेजों से ही पता चल जाता है..। साल 2015-16 में वृक्षारोपण के आंकड़े से ही पता चलता है कि जामुन, नीम और अन्य प्रजाति के 200 पौधे लगाने का खर्च आया है 3.19 लाख रुपये..। यानी प्रति पौधा खर्च 1396 रुपये ।

कैसे हुआ है खेल :
प्राइवेट नर्सरी जाएंगे तो ये पौधे 150-200 रुपये में बड़ी आसानी से मिल जाएंगे । लेकिन इतनी ही पारदर्शिता से काम हो तो फिर सरकारी विभाग क्यों कहलाए । भ्रष्टाचार के इस खेल को समझने के लिए पहले जामुन और नीम के पौधे की कीमत समझिए । इसी साल वन विभाग ने अन्य प्रजाति के 4000 पौधे 3.72 लाख रूपये में लगाए थे । यानी एक पौधे का खर्च 93 रुपये । इस हिसाब से 200 पौधों में 138 अन्य प्रजाति के पौधे का खर्च निकाल दें तो राशि बचती है 3.07 लाख रुपये । इसी राशि से नीम के 56 और जामुन के 6 पौधे लगाए गए, यानी हर पौधे के पीछे 5,000 रुपये खर्च किया गया ।

वहीं 2 साल पहले, 2012-13 में इसी वन विभाग ने आम, जामुन, सागौन, करंज, आवंला जैसे पेड़ों के 21,050 पौधे 3.34 लाख रुपये में लगाए है..। यानी एक पौधे का खर्च केवल 16 रुपये के करीब है । अब दो सालों में ऐसा क्या हो गया कि आम और जामुन के पौधे लगाने का खर्च 312 गुना बढ़ गया ।

वन विभाग का खेल और समझिए । बेशकीमती पेड़ों में शुमार चंदन का एक पौधा 647 रुपये के खर्च में और सागौन का पौधा 60 रुपये के खर्च में लग जाता है । लेकिन नाम तक ना लिखने या बताने की हद तक गैर जरुरी समझा जाने वाला पौधा 2571 रुपये में लगाया जाता है..।

अब सिर धुनिए, कि हमारी-आपकी गाढ़ी कमाई से भरा सरकारी खजाना किस बेदर्दी से लुटाया गया । ऐसे आंकड़े एक बार नहीं, बल्कि बार-बार नजर आते हैं । एक RTI एक्टिविस्ट, दुर्गा प्रसाद, अधिवक्ता के अनुसार – यह बहुत गंभीर वित्तीय अनियमितता है जो बड़े भ्रष्टाचार की और इशारा करता हैं । एक्टिविस्ट दुर्गा प्रसाद बताते हैं कि सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज कई गंभीर खुलासा करते हैं । लेकिन रायपुर वन मंडल के अधिकारी जवाब देने के लिए तैयार नहीं है ।

हालांकि प्रदेश के वन मंत्री मो. अकबर ने इन तमाम अनिमितताओं की जानकारी लेकर उस पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है..। वन मंत्री ने कहा है कि रायपुर वन मंडल ने पौधा रोपण के लिए जो हिसाब किताब दिया है, वो बेहद हैरान करने वाले हैं । एक पौधा लगाने का खर्च 14 रुपये से लेकर 5000 हजार तक गया है ।

RTI से मिली जानकारी के अनुसार पौधरोपण में वन विभाग द्वारा करोड़ों का घपला सामने आ रहा है । अब देखना होगा कि प्रदेश की काँग्रेस सरकार इन घपलों से कैसे निपटती है ।

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