छत्तीसगढ़ संस्कृति का ‘अकती’ (अक्षय तृतीया) त्यौहार

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रायपुर, 26 अप्रैल 2020, 01.22 hrs : छत्तीसगढ़ का “अकती”, हिंदी पंचांग के अनुसार, “अक्षय तृतीया” – छत्तीसगढ़ के किसानों का पहला त्यौहार है । अकती पर छत्तीसगढ़ के सारे किसान एक जगह इकट्ठे हो कर अपन कुल देवता की पूजा करते हैं । इस दिन, खेत मे नये बीज बोने की परंपरा भी है ।

नव वर्ष की शुरूआत : अकती के दिन से किसानो के ‘नव वर्ष’ की शुरूआत भी होती है । किसान पीने अपने घरों से धान के बीज को दोने में रखकर ठाकुर देव के पास पूजा कर के ज़मीन में बिखरा कर अच्छी खेती किसानी के साथ साथ गांव की सुख समृद्धि की विनती करते हैं । इसके बाद दोना के धान को गांव के बैगा सब को बांट देते हैं ।

घड़ा दान करने की परंपरा : अक्षय तृतीया के दिन कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता । यह पूरा दिन ही शुभ होता है । इस दिन अपने पुरखों को जल तर्पण करने की भी परंपरा है । कहते हैं कि अकती के दिन पुरखो को जल देने से उन्हें तुरंत जल मिल जाता है ।

अकती के दिन बच्चे गुड्डा-गुडिया का विवाह करने की परंपरा भी हैं । अकती या अक्षय तृतीया के दिन शुभ मान कर इस दिन बहुत शादियां होती है । कहते हैं कि इस दिन शादी होने से जीवन बहुत सुख शान्ति से रहता है । और कन्या दान सबसे बड़ा दान भी माना जाता है ।

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