सरकारी स्कूलों में शराब पीकर पढ़ाने जाते हैं 30 फीसदी टीचर, सरकार ढूंढ रही शराबबंदी न करने का बहाना : अजीत जोगी

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छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा शराब पीने को लेकर पूर्व सीएम व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के सुप्रीमो अजीत जोगी ने बड़ा बयान दिया है ।

सरकारी स्कूलों में शराब पीकर पढ़ाने जाते हैं 30 फीसदी टीचर, सरकार ढूंढ रही शराबबंदी न करने का बहाना: अजीत जोगी

रायपुर, 18 फरवरी 2020, 17.36 hrs : छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा शराब पीने को लेकर पूर्व सीएम व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के सुप्रीमो अजीत जोगी ने बड़ा बयान दिया है । पूर्व सीएम जोगी ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में 25 से 30 फीसदी शिक्षक तो बगैर शराब के सेवन के स्कूलों में पढ़ाने ही नहीं जाते । मैदानी इलाकों में भी लगभग यही स्थिति है । फिर भी सरकार शराबबंदी न करने के बहाने ढूंढ रही है । क्योंकि शराब बेचने से कई नेताओं को वैध और अवैध दोनों तरह से कमाई हो रही है ।

बिलासपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगे हैं । विकास खंड बिल्हा अंतर्गत संचालित कोहरौदा स्कूल के शिक्षकों पर स्कूल परिसर में ही शराब पीने के आरोप लगे हैं । कोहरौदा मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षकों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने मिड डे मील की रसोई में मछली पकाई । जबकि मेन्यू में मछली पकाना शामिल नहीं है । इतना ही नहीं बच्चों के सामने ही मछली चावल खाकर शराब भी पी. मंगलवार को इसकी सूचना मिलने पर पूर्व सीएम अजीत जोगी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा ।

शराब बेचने पर नियंत्रण नहीं : पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा कि शराब बिक्री में बड़ा गोलमाल किया जा रहा है । शराब की बिक्री कॉर्पोरेशन के बिना ही सीधे शराब दुकानों में जा रही है । फैक्ट्री से सीधे शराब दुकानों में सप्लाई हो रही है । शराब के बेचने पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है । इस शराब के मुनाफे के साढ़े तीन करोड़ रुपये रोज पिछले दरवाजे से आकाओं के वहां पहुंचाया रहा है । कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा चुनाव से पहले किया था, इस वादे पर ही महिलाओं ने उन्हें वोट दिया, लेकिन अब सरकार शराबंदी नहीं करने के बहाने ढूंढ रही है ।

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