नवरात्रि में कोरोना : रायपुर में इस बार मेला और प्रतिमाएं नहीं, सिर्फ घट स्थापना; रतनपुर की मां महामाया के वर्चुअल दर्शन होंगे…

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रायपुर, 07 अक्टूबर 2020, 16.30 hrs :  कोरोना संक्रमण के चलते रायपुर के मुख्य स्थलों पर न देवी प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी और न मेला लगेगा । सिर्फ घट स्थापना करने का ही निर्णय लिया गया है । वहीं रतनपुर में मां महामाया के वर्चुअल दर्शन ही हो सकेंगे ।

कोरोना संक्रमण के चलते राजधानी में ज्यादातर समितियां मूर्ति स्थापना के पक्ष में नहीं

डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन पर पहले ही रोक, अब महामाया मंदिर में भी प्रवेश नहीं

नवरात्रि का पर्व शुरू होने में महज 10 दिन बाकी रह गए हैं । शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, लेकिन चैत्र नवरात्र की तरह इस बार भी पाबंदियां जारी रहेंगी । कोरोना संक्रमण के चलते रायपुर के मुख्य स्थलों पर न देवी प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी और न मेला लगेगा । सिर्फ घट स्थापना करने का ही निर्णय लिया गया है । वहीं, रतनपुर में मां महामाया के वर्चुअल दर्शन ही हो सकेंगे ।

शहर की कालीबाड़ी में कोई भव्य आयोजन नहीं :
रायपुर में नियमों के चलते ज्यादातर समितियां मूर्ति स्थापना के पक्ष में नहीं हैं । शहर की सबसे बड़ी और 85 साल पुरानी कालीबाड़ी समिति में भी केवल घट (कलश) स्थापना की जाएगी । यहां हर साल 5 दिनों तक मेला लगता था, पर इस बार बड़ी दुर्गा प्रतिमाएं विराजित नहीं होंगी । समिति के पदाधिकारी कहते हैं कि कोई आयोजन नहीं होगा । सिर्फ पुजारी ही पूजा करेंगे, बाकी सभी के प्रवेश पर रोक रहेगी ।

न महल जैसे पंडाल बनेंगे, न भव्य प्रतिमाएं होंगी :
शहर के माना में हमेशा महल के आकार का भव्य पंडाल बनता था। इसमें देवी मां की भव्य प्रतिमाएं भी स्थापित होती थीं । यहां पर ही सबसे ज्यादा बंगाली भी रहते हैं, पर इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलेगा । परंपरा निभाने के लिए घट स्थापना का फैसला लिया गया है । समिति के पदाधिकारी बताते हैं कि 53 साल से आयोजन हो रहा है । इस पर सादगी से सब होगा । पुजारी ही पूजा करेंगे ।

रायपुर दुर्गा पूजा की खास बातें :

शहर में करीब 250 पंडाल में की जाती थी दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना

30 बड़े महल, मंदिर रूपी पंडाल बनाए जाते थे शहर में

माना, डब्ल्यूआरएस कॉलोनी और बंगाली कालीबाड़ी का दुर्गोत्सव प्रसिद्ध

ऑर्गेनिक और पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमाओं के लिए भी कई पंडाल जाने जाते हैं

इस बार ये सब नहीं :

जिला प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार, 6 फीट से ऊंची मूर्ति, 15 फीट से बड़ा पंडाल बनाने पर रोक है ।

पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। प्रसाद और चरणमृत वितरण पर भी रोक लगाई गई है ।

गणेश उत्सव की तरह नवरात्रि पूजा पंडाल में दर्शन के लिए आने वाले व्यक्ति के संक्रमित होने पर इलाज कर खर्च आयोजक को उठाना होगा ।

इस बार पूजा के दौरान जगराता, भंडारा आदि कार्यक्रमों की इजाजत नहीं होगी ।

रतनपुर : महामाया मंदिर नवरात्र के 9 दिन बंद रहेगा श्रद्धालुओं के लिए :
संक्रमण के चलते इस बार नवरात्र के 9 दिनों में रतनपुर स्थित मां महामाया का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा । हालांकि श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन वर्चुअल दर्शन जरूर कर सकेंगे। इस बार मंदिर के बाहर मेला नहीं लगेगा । सिर्फ पुजारी ही विधि विधान से अंदर पूजा करेंगे । सप्तमी तिथि को निकलने वाली पदयात्रा स्थगित रहेगी । परंपरा के अनुसार, श्रद्धालु मनोकामना के लिए पैदल मां के दर्शन करने पहुंचे हैं ।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देखा सकेंगे आरती और पूजन : मां के दर्शन के लिए मंदिर की एक वेबसाइट बनाई जाएगी। इसके माध्यम से भक्तों को दर्शन मलेगा । साथ ही सोशल मीडिया पर भी आरती और पूजन को भक्त देख सकेंगे । मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे । जो लोग पहले ही रसीद कटवा चुके थे, उनके नाम की ज्योति जलाई जाएगी । इससे पहले डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है ।

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