प्रशांत भूषण के तेवर नहीं पड़े ढीले, 30 मिनट की मोहलत दे बोला SC- बयान वापस लेने पर फिर सोच लें …

Spread the love

नई दिल्ली, 25 अगस्त 2020, 18.00 hrs : उच्चतम न्यायालय ने अवमानना के दोषी अधिवक्ता प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ उनके ट्वीट को लेकर खेद नहीं जताने के अपने रुख पर “फिर से विचार” करने के लिए मंगलवार को 30 मिनट का समय दिया ।

शीर्ष अदालत ने भूषण को एक और मौका दिया जब अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उनके लिए माफी का अनुरोध किया ।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने जब भूषण के ‘अवहेलना’ वाले बयान पर उनके विचार पूछे जाने पर शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा, “उन्हें (भूषण को) सभी बयान वापस लेने चाहिए और खेद प्रकट करना चाहिए ।” भूषण ने न्यायपालिका के खिलाफ किए गए उनके दो ट्वीट पर शीर्ष अदालत में माफी मांगने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्होंने जो कहा वह उनका वास्तविक विश्वास है, जिसपर वह कायम हैं ।

वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि अदालत को उन्हें चेतावनी देनी चाहिए और दयापूर्ण रुख अपनाना चाहिए । पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल थे । पीठ ने कहा कि जब भूषण को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें इसे न दोहराने की सलाह देने का क्या मतलब है ।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्रशांत भूषण का जवाब तो और अपमानजनक है, 2009 वाले अवमानना मामले में 10 सिंतबर को होगी सुनवाई

पीठ ने पूछा, “भूषण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय चरमरा गया है, क्या यह आपत्तिजनक नहीं है ।” पीठ ने कहा कि अदालत केवल अपने आदेशों के जरिए बोलती है और अपने हलफनामे में भी, भूषण ने न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं ।

शीर्ष अदालत ने 20 अगस्त को, भूषण को माफी मांगने से इनकार करने के उनके “अपमानजनक बयान” पर फिर से विचार करने और न्यायपालिका के खिलाफ उनके अवामाननाकारी ट्वीट के लिए “बिना शर्त माफी मांगने” के लिए 24 अगस्त का समय दिया था तथा उनकी इस दलील को अस्वीकार कर दिया था कि सजा की अवधि अन्य पीठ द्वारा तय की जाए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *